कल बजट प्रस्तुत होने से पूर्व देश के आर्थिक सर्वे में भारत अर्थव्यवस्था की सकारात्मक छवि नजर आई है। आज संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2022-23 के लिए देश की अनुमानित जीडीपी 8.5 फीसदी रहने की उम्मीद जाहिर की है, हालांकि आर्थिक सर्वे में दिखाई गई जीडीपी 2021-22 के अनुमानित जीडीपी दर 9.2 से कम है। भारत सरकार ने ये अनुमानित जीडीपी दर रहने की उम्मीद उसी शर्त पर जताई है कि निकट भविष्य में अब किसी महामारी के कारण इकोनॉमिक एक्टिविटीज प्रभावित नही होगी और मानसून भी सामान्य रहेगा। अगर फिर से कोविड का कोई वेरिएंट आ जाता है और मानसून भी सामान्य से कम रहता है तो जीडीपी दर में गिरावट भी आ सकती है। पिछले साल कोविड से प्रभावित साल में देश की जीडीपी माइनस सात तक गिर गई थी। सनद रहे अब भारत मे जीडीपी को मापने का आधार वर्ष 2011-12 है। अगर आधार वर्ष से देश मे उत्पादन ज्यादा हुआ है तो देश की जीडीपी बढ़ी है नही तो घटी है। जीडीपी से मतलब देश मे हो रहे कुल वस्तुओं और सेवाओं का जोड़ है। उत्पादन के कुल मूल्य को ही जीडीपी या सकल घरेलू उत्पाद कहा जाता है।
मनोज रतन व्यास