आपणी हथाई न्यूज,नागौर में चल रहे कांग्रेस के दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के लिए कल नागौर पहुंचे प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने नए विवाद को पैदा कर दिया है। डोटासरा ने महाराणा प्रताप और अकबर के बीच हुए युद्ध को सिर्फ सत्ता के लिए संघर्ष बताया। उन्होंने कहा- ‘औ भाजपा वालां कतो पाठ्याक्रम में परिवर्तन करयो, विद्या भारती की तर्ज पर पुस्तकां लिखवाई गई जिसमें महाराणा प्रताप व अकबर के बीच के युद्ध को धार्मिक युद्ध बता दिया। अरे भई सत्ता का संघर्ष था, इनको हर चश्मे में हिंदू व मुस्लिम दिखते हैं।’
यह पहला मौका नहीं जब गोविंद सिंह डोटासरा महाराणा प्रताप और अकबर के युद्ध पर बयान दिया हो इससे पहले भी शपथ ग्रहण के दौरान भी डोटासरा ने बयान देकर कहा था कि यह तो एक्सपर्ट ही बताएंगे कि अकबर और महाराणा प्रताप में कौन महान था हालांकि इसके बाद डोटासरा ने अपने इस बयान पर सफाई भी दी थी।
पीसीसी चीफ द्वारा कल दिए गए बयान के बाद बीजेपी ने डोटासरा और कांग्रेस पर हमला बोला है बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने हमला बोला वही आज नोखा विधायक बिहारी विश्नोई ने डोटासरा और कांग्रेस पर हमला बोलते हुए लिखा कि,”मुगल चले गए अपने पीछे कांग्रेसी एजेंटों को छोड़कर जो मातृभूमि के सम्मान की लड़ाई को सत्ता से जोड़ देते हैं।राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा किस आधार पर कह रहे हैं कि राजस्थान के माथे का तिलक हमारे महाराणा प्रताप ने अकबर से सत्ता के लिए युद्ध किया था? डोटासरा जी इटालियन कोचिंग से सीखा अपना इतिहास हमें न बांचें।
महाराणा ने अकबर से स्वतंत्रता के लिए रण किया था, धर्म रक्षा का युद्ध किया था, मरुधरा के परचम को ऊंचा रखने की जंग की थी । आप तत्काल माफी मांगे! और अगली बार हमारे महाराणा का नाम अपनी सियासी जुबान पर न लाएं, यही अच्छा होगा।”कुल मिलाकर राजस्थान की सियासत में एक बार फिर महाराणा प्रताप और अकबर को लेकर नया विवाद पैदा हो गया है। इस विषय को लेकर कभी बीजेपी तो कभी कांग्रेस एक दूसरे पर वार करती रही है। बीते साल बीजेपी के गुलाबचंद कटारिया भी महाराणा प्रताप पर दिए अपने बयान को लेकर कांग्रेस के निशाने पर रहे हैं।