आपणी हथाई न्यूज़, सारिका व्यास और डॉ बिशाखा बिस्सा का नाम ओएमजी बुक्स ऑफ रिकार्ड में दर्ज हुआ है। जानकारी के अनुसार बीकानेर की बेटी सारिका व्यास बिस्सा की कविता युग-प्रवर्तक: राष्ट्र प्रहरी पुस्तक ‘भारत@75 भाग-2’ में प्रकाशित होकर ओएमजी बुक्स ऑफ रिकार्ड में दर्ज की गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शनानुसार भारत सरकार द्वारा संचालित कार्यक्रम आज़ादी का अमृत-महोत्सव से अभिप्रेरित होकर प्राची डिजिटल पब्लिकेशन ने आजकल के बच्चों और युवाओं में देशप्रेम की भावना को उजागर करने के लिए ‘भारत@75 भाग-2’ शीर्षक से एक पुस्तक के प्रकाशन का निर्णय किया और इस पुस्तक में उन्होनें देशभर से 75 रचनाकारों की 75 रचनाओं को सम्मिलित कर नवागन्तुकों को एक सुन्दर साहित्यिक मंच प्रदान किया। साथ ही ज्यादा से ज्यादा लोगों को सुन्दर साहित्यिक मंच देने के लिए इस पुस्तक के दो भाग प्रकाशित कर कुल 150 रचनाकारों की कृतियों को भाग-1 व भाग-2 में सम्मिलित किया गया। इस पुस्तक की खास बात यह रही कि इसे मात्र पाँच दिनों मे सम्पादित कर प्रकाशित कर इसका वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया, इसलिये इस पुस्तक का और इसके सह रचनाकारों का नाम ओएमजी बुक्स ऑफ रिकार्ड में दर्ज किया गया है। सारिका ने शुरु से ही संगीत के क्षेत्र में काफी सफल आयोजन बीकानेर, जोधपुर, कोलकाता, जबलपुर, जयपुर आदि क्षेत्रों मे दिये है साथ ही अपने सयोना संगीत संस्थान के माध्यम से कई सफल कलाकार प्रदेश को दिये हैं। लेखन में इनकी रुचि शुरु से ही रही और इनकी लिखी कविताए कई बार समाचार-पत्रों, पुष्करणा संदेश, बालोदय आदि पत्रिकाओं एवं मरु नवकिरण,कलमकार मंच आदि से प्रकाशित पुस्तकों में प्रकाशित हो चुकी है। साथ ही कई कार्यक्रमों में मुख्य वक्ता के तौर पर सम्मिलित एवं अपने श्रेष्ठ कार्यों के लिए सम्मानित भी हो चुकी है। वर्तमान में सारिका जयपुर के अंबाबाड़ी स्थित एक निजी स्कूल में संगीत के पद पर कार्यरत है।
डॉ बिशाखा बिस्सा का सुयश
बिशाखा की देशभक्ति कविता प्राची डिजिटल पब्लिकेशन की पुस्तक ‘भारत@75 भाग-2’ में प्रकाशित होकर ओएमजी बुक्स ऑफ रिकार्ड में दर्ज हुई है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शनानुसार भारत सरकार द्वारा संचालित कार्यक्रम “आज़ादी का अमृत-महोत्सव से अभिप्रेरित होकर प्राची डिजिटल पब्लिकेशन ने आजकल के बच्चों और युवाओं में देशप्रेम की भावना को उजागर करने के लिए’भारत@75 भाग-2शीर्षक से एक पुस्तक के प्रकाशन का निर्णय किया और इस पुस्तक में उन्होनें देशभर से 150 रचनाकारो की कविताओं को 5 दिन मे प्रकाशित कर इतिहास रचा। डॉ• बिशाखा बिस्सा ने हिन्दी साहित्य में वनस्थली विध्यापीठ से डॉक्टरेट की उपाधि ग्रहण की है और इनकी कई कहानियाँ ,आलेख,कवितायें अलग अलग पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं ।