रेलयात्री सेवा सुविधा समिति के अध्यक्ष वेदप्रकाश अग्रवाल ने उत्तर-पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक विजय शर्मा के गुरुवार को बीकानेर आगमन पर उनसे बीकानेर-पुरी ट्रेन के खाली रैक से बीकानेर-हरिद्वार एक्सप्रेस ट्रेन चलाने की मांग की है। अग्रवाल ने बताया कि पुरी से चलकर जो ट्रेन बीकानेर आती है उसका रैक यहां खड़ा रहता है कोरोनाकाल से पहले यही ट्रेन हरिद्वार जाकर वापिस आकर पुरी के लिए रवाना भी हो जाती थी उसी का उपयोग पुन: शुरु किया जाए तो लोगों को सुविधाएं मिल जाएगी। इसके अलावा बीकानेर से जयपुर वाया रतनगढ़, चूरू, सीकर होते हुए एक इंटरसिटी एक्सप्रेस चलाई जाए जो बीकानेर से जयपुर चलकर सुबह 10 बजे तक पहुंच जाए। वापसी में यह गाड़ी शाम को जयपुर से 5 बजे चलाई जाए क्योंकि जैसलमेर-जयपुर लीलण एक्सप्रेस दोपहर में 2:15 पर जयपुर पहुंचती है इसलिए उस गाड़ी की उपयोगिता जयपुर के लिए सिद्ध नहीं होती है।
22 गांवों से जुड़े एकमात्र सूडसर रेलवे स्टेशन पर हो ट्रेनों का ठहराव
रेल यात्री सेवा सुविधा समिति के अध्यक्ष वेदप्रकाश अग्रवाल ने बताया कि सूडसर रेलवे स्टेशन आस-पास के 22 गांवों से जुड़ा हुआ रेलवे स्टेशन है तथा यहां पर प्रसिद्ध हनुमानजी का मंदिर है जहां दूर-दूर से यात्री दर्शनार्थ आते हैं तथा रेलवे स्टेशन पर रेलयात्रियों की सुविधा के लिए प्रसिद्ध रबड़ी बड़ा की रेहडिय़ां है जो इस खण्ड पर किसी भी रेलवे स्टेशन पर नहीं है। अग्रवाल ने बताया कि धार्मिक आस्था को देखते हुए धार्मिक नगरी हरिद्वार व हावड़ा के लिए चलने वाली ट्रेनों का सूडसर रेलवे स्टेशन पर ठहराव किया जाए। सूडसर के आस-पास के 22 गांवों को यदि सूडसर रेलवे स्टेशन पर ठहराव हो जाएगा तो हरिद्वार, कोलकाता सहित अनेक शहरों से सीधा सम्पर्क हो जाएगा।