बीकानेर शहर परकोटा आज पूरा शादी का मण्डप बना नजर आया। एक ही दिन में एक ही समय करीब 200 से अधिक जोड़े शादी के बंधन बंधे। पुष्करणा शादी ओलंपिक कर नाम से प्रचलित पुष्करणा सावा’ में पौराणिक गणवेश विष्णु स्वरूप दूल्हे को नंगे पांव खिड़किया पाग पहने विवाह करने निकलते दूल्हों की बारात को देखने व निहारने के लिये शहर के अलावा दिल्ली,कोलकत्ता, मुम्बई व रायपुर के अलावा विदेशों में बसे प्रवासी भी बीकानेर पहुँचे।
बारह गुवाड़ चौक में रमक झमक संस्थान सावा मंच पर 3:15 से 4:00 तक पौराणिक गणवेश वाले तीन दूल्हों लवकुमार देराश्री, अभिषेक रंगा व दीपक ओझा को समान रूप से ‘सिरै पावणा बींद राजा’ खिताब’ से तीनों को नवाजा गया तथा श्रीनाथ जी की सपत्नीक यात्रा का टिकट दिया गया। यह सम्मान पुजारी बाबा व रमक झमक के अध्यक्ष प्रहलाद ओझा ‘भैरु’ ने प्रदान किया।
रमक झमक सावा मंच पर काफी शहरों व विदेशों से सावा में शामिल होने व देखने पहुँचे जिनका मंच की ओर से स्वागत किया गया। सस्कृति मंत्री बी डी कल्ला,अध्यक्ष प्रहलाद ओझा ‘भैरु’,सतीश किराड़ू,अविनाश जोशी आदि ने रमक झमक सावा मंच पर पुष्करणा समाज दिल्ली एन सी आर के विष्णु कुमार व्यास,कोलकत्ता पुष्टिकर समाज के सुशील पुरोहित, राजकुमार काकू व्यास आदि को विवाह गीत पुस्तक,सीडी व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
रमक झमक कार्यालय के बाहर दूल्हा दुल्हन शिव अम्बिका के फोटो पोस्टर के साथ लोग सेल्फी लेते नजर आए।
राधे ओझा ने बताया कि काकण डोरा,मावड व लौकार बारात निकासी के समय याद आया तो लोग रमक झमक मंच पर पहुचते रहे जहां उन्हें उपलब्ध करवाकर समस्या का निदान किया गया।