आपणी हथाई न्यूज,बीकानेर में आयोजित होने वाला पुष्करणा ओलंपिक सावा अपनी ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के साथ-साथ सामाजिक सुधार का एक अद्वितीय उदाहरण होने के नाते ना सिर्फ देश बल्कि दुनिया भर में मशहूर है। बीकानेर शहर के पुष्करणा समाज में सामूहिक विवाह की एक समृद्ध सामाजिक परंपरा है जो सदियों से जारी है। बीकानेर के पुष्करणा समाज द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह को पुष्करणा ओलंपिक सावा भी बोला जाता है। गौरतलब है कि पहले पुष्करणा सामूहिक विवाह हर 4 साल से होते थे अतः सामूहिक विवाह को पुष्करणा ओलंपिक सावा कहा जाने लगा। लेकिन वर्तमान में यह सामूहिक विवाह हर 2 साल से हो रहे हैं बावजूद इसके अब भी पुष्करणा सामूहिक विवाह पुष्करणा ओलंपिक सावा नाम से ही जाना जाता है।
पंडित बृजेश्वर व्यास ने बताया कि पहले पुष्करणा सामूहिक विवाह 7 साल से होते थे उसके बाद इसे घटाकर 4 साल कर दिया गया फिर समय की मांग को देखते हुए अब हर 2 साल से पुष्करणा सामूहिक विवाह आयोजित किया जाता है। पंडित व्यास ने बताया कि यद्यपि पुष्करणा सामूहिक सावा की परंपरा सदियों पुरानी है लेकिन उनके पास फागण बदी नवमी संवत 2017 यानी 9 फरवरी 1961 से लेकर अब तक हुए हर पुष्करणा सामूहिक सावा की तिथियां उपलब्ध है।
अगर आपके पास भी पुष्करणा सामूहिक सावा से जुड़ी कोई भी ऐतिहासिक एवं रोचक जानकारी है तो आप हमारे साथ साझा करें हम कोशिश करेंगे कि आप द्वारा प्रेषित जानकारियां पाठकों के साथ साझा करेंगे। अगर आपकी कोई संस्था, संगठन या समूह पुष्करणा सामूहिक सावा से जुड़े कोई सामाजिक कार्य कर रही है तो उसकी भी जानकारी आप हमारे साथ साझा कर सकते हैं। आप हमें
[email protected] पर मेल कर सकते हैं साथ ही आप हमारे व्हाट्सएप नंबर पर अपनी जानकारी भेज सकते हैं।देखें बीते छह दशक से अब तक की सामूहिक विवाह की तिथियां