यूपी की सियासत में जाति सबसे हावी रहती है। भाजपा और समाजवादी पार्टी दोनों दलों के बीच ही यूपी विधानसभा चुनावों के लिए मुख्य भिड़ंत है। दोनों दल एक एक जाति और समुदाय को अपने पाले में करने में लगे हुए है। खबर आ रही है कि यूपी के 80 से ज्यादा ब्राह्मण संगठन अखिलेश यादव की पार्टी समाजवादी पार्टी को अपना समर्थन देंगे। ब्राह्मणों को गोलबंद करने का कार्य यूपी के बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी के विधायक पुत्र विनय तिवारी कर रहे है। आज विनय तिवारी सपा के मुख्य कार्यालय में अखिलेश यादव की मौजूदगी में 80 ब्राह्मण संगठनों के समर्थन का एलान करेंगे। असल में हरिशंकर तिवारी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच गोरखपुर में सियासी जंग पुरानी है। पुराने बैर से खीझ खाए तिवारी अब सपा के साथ मिलकर ब्राह्मणों को सपा के लिए जोड़ रहे है। यूपी के पूर्वांचल के 12 जिलों में ब्राह्मण मतदाता करीब 15 फीसदी है। दोनों दल ब्राह्मणों को लुभाने में लगे है। अखिलेश यादव ने भगवान परशुराम की मूर्ति का अनावरण कर ब्राह्मणों को रिझाने की कोशिश की थी। अब अगर धरातल पर 80 ब्राह्मण संगठन अखिलेश के साथ आ जाते है तो भाजपा का परम्परागत वोट बैंक सपा की ओर शिफ्ट हो सकता है। माना जाता रहा है कि अगड़ी जातियों में ब्राह्मण, वैश्य और राजपूत भाजपा के परंपरागत वोट बैंक है।
मनोज रतन व्यास