देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने कहा है अगर देश का पैसा लेकर विदेश भागे भगौड़े अगर पैसा चुकाने को तैयार है तो भारत सरकार को उनकी देश वापसी की राह प्रशस्त करनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है ऐसे भगौड़े लोगो पर कानूनी कार्रवाई पर रोक लगानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन और जस्टिस एमएम सुंदरेश की पीठ ने भारत सरकार को राय देते हुए कहा है कि कानूनी प्रक्रिया में लंबा समय लग जाएगा और सरकारी एंजेसियों को उन्हें भारत लाने में कामयाबी मिलेगी या नही,यह भी पक्का नही कह सकते है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि भगौड़े व्यापारी अगर पैसा लौटाने को राजी है तो उन्हें सरकार सुरक्षा प्रदान करें और उनकी वापसी पर गिरफ्तारी भी न हो।
सुप्रीम कोर्ट ने ये सुझाव हेमंत हाथी की याचिका पर दिया है। हाथी को 1500 करोड़ रुपए चुकाने है। हाथी ने बैंकों के 600 करोड़ रुपए चुका दिए है, बाकी के 900 करोड़ रुपए चुकाने का वादा सुप्रीम कोर्ट से निकट भविष्य में किया है। हाथी ने सुप्रीम कोर्ट से गुजारिश की है वो पूरा पैसा चुकाने को तैयार बस उन पर सरकारी ऐजंसियां मुकदमा न चलाए और परेशानी होने पर सुरक्षा दी जाए। हाथी स्टर्लिंग समूह के प्रमोटरों के 14500 करोड़ के बैंक ऋण घोटाले में नामजद है। सुप्रीम कोर्ट ने हाथी द्वारा दिए प्रस्ताव को भारत सरकार से स्वीकार करने की राय दी है। जवाब में सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने हेमंत हाथी को गिरफ्तार न करने की बात कोर्ट में मान ली है,हालांकि राजू ने कोर्ट से हाथी के खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों और ट्रायल को आगे न बढ़ाने की बात पर आपत्ति व्यक्त की है। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से नीरव मोदी,विजय माल्या और मेहुल चौकसी जैसे भगौड़े लोगो के लिए भारत वापसी में आसानी हो सकती है।
मनोज रतन व्यास