आपणी हथाई न्यूज, यूं तो देश के हर हिस्सों में होली अपने-अपने तौर तरीकों से मनाई जाती है। मगर इन सब के बीच अगर बीकानेर की होली की बात की जाए तो उसका अपना ही जायका है। यह शहर लगभग दस दिन पहले ही होली की मस्ती में डूब जाता है। उत्सवधर्मी लोग अपने अपने हिसाब से होली की मस्ती में मशगूल हो जाते है जिनका उद्देश्य मात्र और मात्र आनंद लेना है।
बरहाल होलाष्टक लगे 4 दिन बीत चुके है शहर के मंदिरों में ठाकुर जी को फाग खिलाई जा रही है तो वही परकोटे के चौकों में रम्मतों का दौर जारी है। सोमवार की रात बिस्सो की रम्मत से माता आशापुरा के दर्शन के लिए हजारों का हुजूम उमड़ा और फिर शुरू हुई भक्त पूरणमल की रम्मत तो वही बीकानेर परकोटे के भटड़ो के चौक में फागुजी व्यास की रम्मत स्वांग मेहरी का भी मंचन सोमवार की अलसुबह हुआ । रम्मत के उस्ताद पं जतन लाल श्रीमाली (कपिल गुरु) ने बताया कि ख्याल चौमासा और लावणी के माध्यम से समाज और देश के लोगों तक संदेश पहुंचाया जाता है वही जैसे ‘हिन्द देश सबसे तकड़ा’ में मौजूदा परिस्थितियों पर गौर करवाया गया और राज्य-देश की सरकार पर तीखे व्यंग्य किये गए। इस रम्मत में नवल आचार्य, भंवर पुरोहित, विशाल शर्मा, गौरव व्यास, रामसा मारू, नगाड़ा वादक शिवजी सेवग,राजा सांखी सहित अनेक लोगों ने रम्मत में अपनी भूमिका निभाई।
अब होंगे होली के ये कार्यक्रम
सोमवार को कीकाणी व्यासों के चौक में जमनादास कल्ला की रम्मत होगी। सोमवार को ही बारह गुवाड़ में स्वांग मेहरी की रम्मत होगी। मंगलवार को मरुनायक चौक में हड़ाऊ मेहरी की रम्मत होगी। इसी दिन आचार्यों के चौक में अमर सिंह राठौड़ की रम्मत होगी। वहीं बारह गुवाड़ में शहजादी नौटंकी की रम्मत होगी। वही मंगलवार को हर्ष-व्यास जाति के बीच पानी का खेल भी होना हैं