आपणी हथाई न्यूज़, किसानों को मिले पूरा पानी व दूषित पेयजल पर की चिंता व्यक्त।
लूणकरणसर विधायक सुमित गोदारा ने आज विधानसभा में इंदिरा गांधी नहर परियोजना प्रतिवेदन पर प्रथम वक्ता के रूप में किसानों के लिए नहर का मुद्दा उठाया । विधायक सुमित गोदारा ने विधानसभा में बोलते हुए कहा कि पश्चिम थार रेगिस्तान में जब नहर परियोजना आई तो क्षेत्र की तकदीर व तस्वीर बदली , जब नहर की कल्पना उस समय के तत्कालीन महाराजा गंगा सिंह जी ने की तो 1927 में वह गंग नहर लेकर आए उन्होंने बीकानेर जैसलमेर तक ले जाने का प्रयास किया । 1938 में जो चीफ इंजीनियर कंवरसेन जी थे उन्होंने प्रोजेक्ट भी तैयार कर दिया परंतु धन अभाव के कारण योजना सिरे नहीं चढ़ी ।
आजादी के बाद नहर की योजना शुरू हुई लगभग 6 हज़ार करोड़ की लागत से शुरू की , न जाने नहर बनाने में कितने अभियन्ता , सवेंदक, मजदूर , कर्मचारी शहीद हुए , उनके स्मारक इंदिरा गांधी नहर मुख्यालय पर बनाए जाएं ।
विधायक सुमित गोदारा ने सदन में बोलते हुए कहा कि इस नहर का नाम राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट था परंतु कांग्रेस की परंपरा रही है , गांधी परिवार पर नाम रखने की , पर मेरी सरकार से यह मांग है कि जिस व्यक्ति ने नहर का सपना देखा ,जिसे पूरा भी किया उस समय के तत्कालीन महाराजा गंगा सिंह के नाम से इस नहर का नाम हो जिससे उनको हम सच्ची श्रद्धांजलि दे सके ।
विधायक गोदारा ने सदन में कहा कि इस नहर पर 500 करोड रुपए सालाना खर्च होता है , 450 करोड रुपए के आसपास तो तनख्वाह आदि में ही खर्च हो जाता है । विधायक गोदारा ने भास्कर बीकानेर के पत्रकार लोकेंद्र तोमर व मनीष पारीक को धन्यवाद दिया कि जिन्होंने 600 किलोमीटर नहर यात्रा निकाली । उन्होंने 2 वर्ष पूर्व बताया कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना से पश्चिमी राजस्थान में 5000 करोड रुपए के अनाज का उत्पादन होता है, लेकिन आज वह आंकड़ा 13000 करोड़ से भी ज्यादा फसल उत्पादन इस नहर से हो रहा है । विधायक गोदारा ने कहा
कई दशकों से हमारा पानी पाकिस्तान भी जा रहा है लगभग 6 लाख क्यूसेक पानी पाकिस्तान जा रहा है क्योंकि हरिके बैराज से लेकर आरडी 243 के बीच 132 किलोमीटर नहर जर्जर है , मैं सरकार से मांग करता हूं उस नहर की मरम्मत की जाए जिससे हमें पूरा पानी मिल सके ।
20 अगस्त 2019 को 14 लाख क्यूसेक पानी हरिके बैराज से फिरोजपुर बॉर्डर होते हुए पाकिस्तान गया यदि हम इस पानी को बचाते तो पूरे इस नहरी परियोजना क्षेत्र के किसानों की एक फसल पक जाती जिससे किसानों को फायदा मिलता ।
विधायक गोदारा ने कहा कि हरिके बैराज से सरीन फीडर व आईजीएनपी दोनों एक साथ निकलते हैं दोनों के बीच 30 फीट की दीवार है जो बीच में गैप है , अब वह 12 से 15 फीट ही रह गया है उसे तैयार किया जाए ।
साढ़े 18 हज़ार क्यूसेक पानी जो राजस्थान को हरिके बैराज से नियमित मिलता था । वह अब लंबे समय से 11000 क्यूसेक पानी मिल रहा है । साढ़े सात हजार क्यूसेक पानी पंजाब मैं जा रहा है ।
क्योंकि हमारा नहरी तंत्र कमजोर है , जो 15000 क्यूसेक पानी ले सकता है अब जो नहर रिपेयर की जा रही है तीसरी बार क्लोजर लिया गया अगली बार तक पूरी नहर शायद तैयार हो जाएगी परंतु हम आज भी 15000 क्यूसेक पानी ही ले पाएंगे । क्योंकि हमारा नहरी तंत्र ही कुछ ऐसा है । साढ़े सात हज़ार क्यूसेक पानी जो पंजाब ले रहा है, उसका रेगुलेटर जो कि पंजाब में है जब तक उसको ठीक नहीं करेंगे पूरा पानी नहीं ले पाएंगे । यह दोनों विषय ही हमारे लिए गंभीर है मेरी राजस्थान सरकार से मांग है कि वह इन गंभीर विषयों पर चर्चा कर समाधान करें जिससे किसानों को पूरा पानी मिल सके ।
विधायक सुमित गोदारा ने सदन में कहा की IGNP का पानी पोंग डैम से आता है । जिसमें राजस्थान की 49% हिस्सेदारी है । परंतु बड़े दुख की बात है कि 57 साल बाद भी भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड मैं राजस्थान सदस्य नहीं रहा है , उसमें केवल पंजाब व हरियाणा ही सदस्य हैं ,इसके कारण राजस्थान को उचित हक नहीं मिलता । जब भास्कर बीकानेर ने इस विषय को उठाया तथा 30 जनवरी 2020 को आलेख इस विषय पर लिखा गया तो उसका संज्ञान केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा लिया गया । उन्होंने गृह मंत्री श्री अमित शाह मुलाकात कर बात की ।
विधायक गोदारा ने चर्चा में कहा कि 23 फरवरी 2022 को नियमों में संशोधन कर एक गजट नोटिफिकेशन केंद्र सरकार द्वारा जारी किया गया जिसमें राजस्थान भी तीसरा सदस्य बना अब हम राजस्थान की भी आवाज उठा सकते हैं ।
विधायक गोदारा ने सदन में चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जो पंजाब से पानी आ रहा है वह केमिकल युक्त दूषित पानी आ रहा है ,बीकानेर संभाग जिसमें हनुमानगढ़ गंगानगर भी सम्मिलित है । उसमें पानी की जो सप्लाई आ रही है उसकी कैटेगरी D है , जबकि पोंग डैम से पानी निकलता है तो इसकी कैटेगरी A होती है । इस केमिकल युक्त पानी को पीने से कैंसर , किडनी ,स्किन जैसी गंभीर बीमारियां उत्पन्न हो रही है । सरकार को ध्यान देना चाहिए कि शुद्ध पानी की सप्लाई हो सके ।
विधायक सुमित गोदारा ने सदन में कहा कि लूणकरणसर क्षेत्र के अधिकतर गांव नहरी पानी से वंचित है , मेरी सरकार से मांग है कि जल जीवन मिशन योजना के तहत लूणकरणसर क्षेत्र में नहरी पानी उपलब्ध करवाए ।
पिछले बजट सत्र में कंवर सेन लिफ्ट नहर परियोजना जो लूणकरणसर क्षेत्र से होते हुए बीकानेर में पानी आता है । उसके लिए पंपिंग स्टेशन में मोटर बदलने के लिए मांग रखी । सरकार के तत्कालीन मंत्री ने 6 करोड़ 56 लाख के बजट की सदन में घोषणा भी की ।परंतु अक्टूबर मैं इनका एक आदेश निकला कि सरकार यह करवा नहीं सकती । इसी बात से ही सरकार का किसानों के प्रति कैसा रवैया है पता चल जाता है ।
40 साल पुराने मोटर पंपों के खराब होने पर किसानों की बारी तक पिट जाती है , क्या हम सिस्टम इंप्रूव नहीं कर सकते यह बड़े शर्म की बात है तथा सरकार के असक्षम रवैये को दर्शाता है ।
विधायक सुमित गोदारा ने सदन में बोलते हुए कहा कि सरकार स्प्रिंकलर सिस्टम अपनी इच्छा अनुसार लगा रही है मेरी सरकार से मांग है कि समस्त लिफ्ट केनाल पर स्प्रिंकलर सिस्टम को लगाया जाए । जिससे किसानों को फायदा मिल सके ।
पंपिंग स्टेशन पर पूरा स्टाफ रखा जाए जिससे किसानों को लाभ मिले ।
हमारे लूणकरणसर क्षेत्र में खाले जर्जर अवस्था में है जो मनरेगा के तहत कुछ करवाए जाते हैं और कई नहीं , सरकार CAD विभाग को निर्देशित करें कि जहां खाले जर्जर अवस्था में है उनको सही करें । व जहां जरूरत है वहां नए खालो का निर्माण करें जिससे किसानों को पूरा पानी मिल सके व उनकी फसल बर्बाद न हो ।
विधायक गोदारा ने सदन में कहा कि स्काडा सिस्टम को फॉलो किया जाए । नई तकनीक का उपयोग किया जाए जिससे किसानों को पूरा फायदा मिल सके ।