आपणी हथाई न्यूज,बीकानेर में आयोजित होने वाला अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव अपने अनूठे आयोजन के चलते देश-विदेश में अपनी विशिष्ट पहचान रखता है। बीकानेर में हर वर्ष होने वाला अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव पिछले वर्ष कोरोना के चलते नहीं हो पाया इस वर्ष भी जनवरी में होने वाला ऊंट उत्सव मार्च में आयोजित हुआ है। बीकानेर में आज सुबह लक्ष्मीनाथ जी मंदिर से ऊंट उत्सव का आगाज हुआ।
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बीकानेर शहर की पहचान बन चुके अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव का इंतजार शहरवासी बड़े उत्साह के साथ करते हैं इस बार भी शहर में ऊंट उत्सव को लेकर बड़ा उत्साह नजर आया लेकिन अपने आगाज के साथ ही अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव प्रचार और प्रबंधन की कमी के चलते विवादों में आ गया है। आज हेरिटेज वॉक से शुरू हुआ अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव अपने हेरिटेज रूट को लेकर विवादों से घिर गया है।
स्थानीय लोगों और कार्यक्रम में सक्रियता के साथ शामिल होने वाले लोगों का आरोप है कि इस बार हेरिटेज वॉक का रूट हर वर्ष होने वाले हेरीटेज वॉक के रूट से अलग रखा गया जिसके चलते लोग इस हेरीटेज वॉक को देखने से वंचित रह गए। लोगों का आरोप है कि उनके द्वारा हेरिटेज वॉक पर पुष्प वर्षा करने हेतु पुष्प रखे रह गई साथ ही हेरिटेज वॉक में शामिल लोगों का जगह जगह स्वागत होता है इस बार भी लोग स्वागत के लिए खड़े रहे लेकिन हेरिटेज वॉक दूसरे मार्ग से निकल गई जिसके चलते लोगों द्वारा की गई व्यवस्थाएं धरी की धरी रह गई।
लोगों का आरोप है कि पर्यटन विभाग अपनी मनमानी के चलते यह सब कर रहा है जिस मार्ग से हेरिटेज वॉक निकाली गई वह पूरा मार्ग गड्ढों और गंदगी से भरा पड़ा है इसके अलावा लोगों का आरोप है की जिस रूट से हेरिटेज वॉक को निकाला गया उसके बारे में आमजन व स्थानीय कलाकारों को भी नहीं बताया गया था, पर्यटन विभाग ने जो रूट तय किया था उसका प्रचार प्रसार नहीं किया जिसके चलते लोगों को काफी निराश होना पड़ा। जब लोग सीधे रामपुरिया हवेली पहुंचे और हेरिटेज वॉक समाप्त हुई तो उसके बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा लोगों का असंतोष इतना था कि वहां पर्यटन विभाग व जिला प्रशासन के खिलाफ लोग मुखर नजर आए।