आपणी हथाई न्यूज़, 5 राज्यो की चुनावी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद ऐसी खबरें थी कि पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि होगी। राहुल गांधी ने तो बाकयदा यूपी के सातवे चरण के पूर्ण होने के ठीक पहले ट्वीट कर आम लोगों से गाड़ियां भरवाने की अपील तक कर दी थी। राहुल ने लिखा था कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों का चुनावी ऑफर जल्द खत्म होने वाला है। ऐसी खबरें वायरल हो गई थी जिसमें दावा किया गया था कि 7 मार्च के बाद मोदी सरकार नियमित अंतराल में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 25 रुपये तक की बढ़ोतरी कर देगी,लेकिन चुनाव रिजल्ट आने के तीन दिन बाद भी पेट्रोलियम पदार्थों के दाम अब तक नही बढ़े है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मोदी सरकार फिलहाल पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाने के मूड में नही है। कच्चे तेल की कीमतें भी गिरकर पुनः अब 108 डॉलर प्रति बैरल हो गई है। रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्ति की संभावना के बीच क्रूड ऑयल 100 से भी नीचे जा सकता है। हकीकत में तो कच्चे तेल के भाव 100 के नीचे आने पर पेट्रोल-डीजल 2 से 3 रुपये सस्ता भी हो सकता है। मोदी सरकार को वितीय वर्ष 2020-21 में पेट्रोलियम पदार्थों की एक्साइज ड्यूटी से करीब पौने चार लाख करोड़ की आमदनी हुई है, वही 2019-20 में ये आंकड़ा महज पौने दो लाख करोड़ के करीब था। मोदी सरकार को तेल पर एक्ससाइज ड्यूटी से बम्पर रेवेन्यू प्राप्त हुआ है,इसलिए हो सकता है कि पेट्रोल-डीजल के दाम 20-25 रुपये बढ़ने की बजाय 2 से 3 रुपये घट जाए।
मनोज रतन व्यास