आपणी हथाई न्यूज,यूपी के विधानसभा चुनावों के दौरान चार बड़े राजनीतिक दलों(भाजपा, कांग्रेस, सपा और बसपा) के नेताओं के अलावा हर मीडिया ग्रुप जिस नेता का साक्षात्कार बारम्बार ले रहा था,वो थे बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया। राजा भैया रिकॉर्ड सातवीं बार कुंडा विधानसभा से चुनाव जीत चुके है। राजा भैया ने सपा के गुलशन यादव को 26 हजार से भी ज्यादा मतों से हराया। 6 बार निर्दलीय विधायक रह चुके राजा भैया ने ठीक विधानसभा चुनावों से पहले अपनी खुद की पार्टी जनसत्ता लोकतांत्रिक दल लॉन्च की थी। राजा भैया की पार्टी ने कुंडा के अलावा बाबागंज सीट पर भी जीत हासिल की है। चुनाव परिणाम के बाद राजा भैया ने कहा कि बड़े बड़े पुराने स्थापित दल,राष्ट्रीय दल या तो हमारे दल के बराबर आ गए या हमसे पिछड़ गए है। पिछड़ने का तंज राजा भैया ने मायावती की बसपा पर किया है। राजा भैया और मायावती का बैर पुराना है। राजा भैया पर मायावती ने पोटा कानून लगाकर जेल में भी डाला था। राजा भैया के साथ उनके पिता महाराजा उदय प्रताप सिंह और भाई अक्षय प्रताप सिंह को भी मायावती सरकार ने जेल में डाला था। राजा भैया के महलों और कोठियों पर मायावती ने छापे भी डलवाए थे। राजा भैया अतीत में सपा और भाजपा की सरकारों में मंत्री भी रह चुके है। कभी सपा के करीबी रहे राजा भैया की अब अखिलेश यादव से भी नही बनती है। अखिलेश स्वयं राजा भैया को हरवाने के लिए कुंडा आए थे। अखिलेश ने सार्वजनिक सभा मे कहा था कि इस बार कुंडा के विधायक पर हमेशा के लिए कुंडी लगा दो। अखिलेश की टिप्पणी के जवाब में राजा भैया ने भी पब्लिकली कहा था कि कोई ऐसा कोई माई का लाल पैदा नही हुआ जो कुंडा में कुंडी लगा दे। राजा भैया ने डंके की चोट पर चुनावों के दौरान कहा था कि यूपी में किसी भी कीमत पर वे अखिलेश की सरकार नही बनने देंगे। अब यूपी में राजा भैया की पार्टी कांग्रेस के बराबर की और बसपा से बड़ी पार्टी है। बड़ी बात ये है कि यूपी में कोई सरकार आए या जाए राजा भैया का भौकाल बना हुआ है।
मनोज रतन व्यास