आपणी हथाई न्यूज,आज राजकीय विधि महाविद्यालय बीकानेर में महाविद्यालय की सहायक आचार्य श्रीमती मीनाक्षी कुमावत एवं सेवानिवृत डीडीपी श्री एम.डी. उपाध्याय के निर्देशन में दास्ताने बनाम दास्ताने (अन्तर्गत अनुच्छेद 136 विशेष अनुमति याचिका) सिविल मामले का मंचन महाविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा न्यायालय की पूर्ण प्रक्रिया को अपनाते हुए किया गया। इस वाद में उच्चतम न्यायालय ने अपीलार्थी नारायण गणेश दास्ताने की विवाह विच्छेद संबंधी याचिका को खारिज करने का निर्णय सुनाया।
इस मूट कोर्ट में राहुल रवि, राजेश बिश्नोई एवं जीतू सिंह ने न्यायाधीश की भूमिका निभाई। अपीलार्थी के अधिवक्ता के रूप में मीनाक्षी सोनी, जयश्री सारस्वत , अश्विनी शर्मा, प्रदीप जोईया, जसप्रीत सिंह, केशव आचार्य तथा प्रत्यार्थी के अधिवक्ता के रूप में भावेश दाधीच, अनुराग गहलोत, भुवनेश आचार्य, अर्जुन शर्मा, कृतिका पुरोहित तथा प्रेमलता बच्छ ने निभाई।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि में राजकीय विधि महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ. अनिल कौशिक ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक छात्र इस प्रकार की मूट कोर्ट में अपनी भागीदारी निभाकर एक सफल अधिवक्ता के गुणों को आत्मसात कर सकता है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में स्थायी लोक अदालत बीकानेर के न्यायाधीश श्री महेश शर्मा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि विधि विद्यार्थियों को सफल अधिवक्ता बनने के लिए अनुशासन, मेहनत एवं लगन की महत्ता को समझते हुए इस विधि व्यवसाय को अपनाना चाहिए।
इससे पूर्व महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. भगवानाराम बिश्नोई ने मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि का स्वागत करते हुए मूट कोर्ट की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस प्रकार के मूट कोर्ट से छात्रों को भविष्य में न्यायालयों में पैरवी करने में आसानी रहेगी।
कार्यक्रम का संचालय महाविद्यालय के सहायक आचार्य श्री किशन लाल द्वारा किया गया एवं महाविद्यालय की सहायक आचार्य डॉ. कुमुद जैन द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
इस अवसर पर महाविद्यालय का समस्त शैक्षणिक व अशैक्षणिक स्टॉफ मौजूद रहा।