आपणी हथाई न्यूज,बीकानेर में गणगौर पूजन का एक समृद्ध इतिहास रहा है। इसी गणगौर पूजन में अनेक रूपों की गणगौरों का पूजन किया जाता रहा है। इसी क्रम में धींगा गवर रूप की गणगौर पूजन का भी विशिष्ट स्थान है। जैसा कि इसके नाम से ही ज्ञात होता है कि राजस्थानी भाषा में धींगा का अर्थ जबरदस्ती से है। इस गणगौर का पूजन श्रीमाली समाज की महिलाएं 16 दिन का करती है वही अन्य समाज में 15 दिन का पूजन होता है। इन दिनों में महिलाओं में धींगा गवर पूजन को लेकर विशेष उत्साह देखा जाता है। सोमवार को श्रीमाली समाज की महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली जिसमें भटड़ो के चौक से बेणीसर कुंए पर धींगा गवर को ढोल-ताशों के साथ पानी पिलाने की रस्म अदायगी की गई।
इस दौरान लक्ष्मी श्रीमाली,श्यामा देवी,मीनू श्रीमाली,मंजू श्रीमाली,हंसा श्रीमाली,तरुणा श्रीमाली,रेखा श्रीमाली,मीनाक्षी श्रीमाली,संतोष देवी,सरोजदेवी,वन्दना श्रीमाली,रेखा(बंटी) श्रीमाली,मीना श्रीमाली,मनीषा श्रीमाली,ज्योति श्रीमाली,नेहा श्रीमाली,दिव्या श्रीमाली,प्रियंका श्रीमाली,डिम्पल श्रीमाली,पल्लवी,मेघा, जयश्री,तनिष्का,प्रकृति,जय आदि गणगौर की कलश यात्रा में शामिल हुई। मंगलवार को श्रीमाली समाज की महिलाओ द्वारा बीन-बीनणी बनकर समाज के घरों में घूमाई की जाएगी।