बीकानेर शहर में आईपीएल के दौरान सट्टे का अवैध व्यापार बेरोकटोक चल रहा है। एक अनुमान के मुताबिक बीकानेर में रोजाना क्रिकेट सट्टे में लगभग 40 से 50 करोड़ का अवैध व्यापार होता है। बीकानेर में हो रहे इस सट्टे के अवैध व्यापार के चलते सट्टे के साथ-साथ सूदखोर भी सक्रियता से अपने ग्राहकों को जाल में फंसा रहे हैं।
बीकानेर शहर में बड़ी संख्या में युवा इस सट्टे के अवैध कारोबार में लिप्त हो रहे हैं। पहले युवा क्रिकेट मैच पर दांव लगाते हैं और अगर वे दांव हार भी जाते हैं तो फिर सूदखोर उन्हें अपनी गिरफ्त में फंसा लेते हैं, हारे हुए सटोरियों को सूदखोर ऊंची ब्याज दरों पर अवैध रूप से पैसे देते हैं फिर उस व्यक्ति से वसूली भी अवैध तरीके से की जाती है। कई बार ऐसे मौके भी आए हैं जब सट्टे और सूदखोरो के जाल में फंसा व्यक्ति जब सब कुछ खो देता है तो फिर वह आत्महत्या जैसे घिनौने विकल्प को भी चुन लेता है। इन सब घटनाओं के बावजूद भी बीकानेर में पुलिस द्वारा छोटी-मोटी कार्रवाई ही की जाती है।
बीकानेर में सटोरिए और सूदखोर बेखौफ अपना अवैध कारोबार चला रहे हैं। इस पूरे काले कारोबार में लिप्त बड़े मगरमच्छ कभी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आते जबकि कई बार इस काले कारोबार से जुड़ी छोटी मोटी मछलियों पर कार्रवाई कर पुलिस खानापूर्ति कर लेती है। बड़ा सवाल यह है पुलिस की नाक के नीचे हो रहे इस पूरे काले कारोबार के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं होती, इस सवाल का जवाब आपको कल बीकानेर के एक वरिष्ठ पत्रकार के ट्वीट में मिल जाएगा। बीकानेर की समस्याओं पर अपनी बेबाक राय रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार ने ट्वीट कर लिखा कि,”बीकानेर शहर के बड़े बुकी’ज
पुलिस-प्रशासन, मीडिया और राजनेताओं के साथ आत्मीय संबंध रखते हैं,
अन्य शहरों में भी ऐसा होता होगा।
बीकानेर के इन वरिष्ठ पत्रकार ने स्पष्ट लिखा है कि बीकानेर में बुकी’ज पुलिस- प्रशासन, मीडिया और राजनेताओं के साथ आत्मीय संबंध रखते हैं। जब बीकानेर का एक वरिष्ठ पत्रकार यह बात खुलकर ट्वीट करते है तो फिर बीकानेर की पुलिस, राजनेताओं और मीडिया पर सवाल उठने लाजमी है। कुल मिलाकर बीकानेर में चल रहे सट्टे और सूदखोरी के इस अवैध कारोबार पर अगर समय रहते लगाम नहीं लगाई गई तो आने वाला समय बीकानेर के लिए नई चुनौतियां लेकर आएगा।