एक बार फिर से देश में कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं। भारत में हर नए दिन के साथ कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आज के आंकड़े के अनुसार बीते 24 घंटों में कोरोना के 1150 नए मामले सामने आए हैं जबकि शनिवार को इसकी संख्या 956 रही यानी कल की तुलना में आज 192 अधिक नए मामले सामने आए हैं। आपको बता दें कि इससे पहले शनिवार, 16 अप्रैल को देश में 958 मामले सामने आए थे और चार लोगों की मौत हुई थी। दिल्ली और एनसीआर में कोरोना संक्रमण दर 5% से अधिक दर्ज की गई।
कोरोनावायरस के प्रभाव को कम करने के लिए वैक्सीन एकमात्र विकल्प है भारत सरकार ने अब 18 से 59 वर्ष के लोगों के लिए बूस्टर डोज जिसे प्रिकॉशन डोज भी कहा जाता है को अनुमति दे दी है। बीते 10 अप्रैल से भारत में 18 वर्ष से 59 वर्ष के लोगों के लिए निजी सेंटर में प्रिकॉशन डॉज 225 रुपया में उपलब्ध होने की बात स्वास्थ्य विभाग ने की, स्वास्थ्य विभाग द्वारा कहा गया कि अब निजी सेंटर में 18 से 59 वर्ष के लोग 225 रुपए खर्च करके प्रिकॉशन डॉज लगा सकते हैं। पहले जहां कोवैक्सीन की कीमत 1200 रूपए थी और कोविशिल्ड की कीमत 600 रुपए थी जिसे घटाकर अब 225 रूपए कर दी गई है ताकि आम आदमी आसानी से प्रिकॉशन डॉज ले सके।
इन सबके बीच बीकानेर में अब भी 18 से 59 वर्ष के लोग प्रिकॉशन डॉज नहीं लगवा पा रहे इसकी मुख्य वजह यह है कि बीकानेर में अभी तक किसी भी निजी सेंटर में प्रिकॉशन डोज वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरू नहीं हुआ है जिसके चलते बीकानेर के लोग प्रिकॉशन डोज नहीं लगवा पा रहे। इस पूरे मामले पर जब आरसीएचओ डॉक्टर राजेश गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा निजी सेंटर संचालकों से प्रिकॉशन डोज को लेकर बैठक की गई लेकिन अभी तक किसी भी निजी सेंटर ने प्रिकॉशन डोज के लिए परमिशन नहीं ली है जिसके चलते 18 से 59 वर्ष के लोगों को प्रिकॉशन डोज नहीं लग रही वहीं डॉ गुप्ता ने बताया कि 60 वर्ष से अधिक आयुवर्ग वाले लोगों को प्रिकॉशन डोज सरकारी वैक्सिंग सेंटर में लग रहे हैं।
कुल मिलाकर बीकानेर में अभी तक 18 से 59 वर्ष तक के लोगों को प्रिकॉशन डोज सरकारी आदेश होने के बावजूद भी नहीं लग पा रहे इसके पीछे निजी सेंटर के निहित स्वार्थ भी हो सकते हैं। माना जा रहा है कि निजी सेंटर को इस वैक्सीनेशन कार्यक्रम से कोई ज्यादा फायदा नहीं हो रहा जिसके चलते निजी सेंटर अभी इससे दूरी बनाए हुए हैं वही एक वजह यह भी है कि लोगों की अब वैपकिंग को लेकर जागरूकता कम हो गई यह भी एक बड़ा कारण है जिसके चलते निजी सेंटर अभी भी पैड प्रिकॉशन डोज अभियान को शुरू नहीं कर पा रहे जिसके चलते बीकानेर में हजारों लोग प्रिकॉशन डोज शुरू होने का अब भी इंतजार कर रहे हैं।