आज से 36 साल पहले 20 मई 1986 को पायोनियर्स का 13 सदस्यीय दल हिमाचल प्रदेश स्थित चम्बा इन्द्राहार पास 14520 फिट ट्रेकिंग कार्यक्रम हेतु रवाना हुआ इस ट्रैकिंग कार्यक्रम के दौरान बीकानेर के तीन बहादुर पर्वतारोही बेटे अरविन्द बोड़ा, भानु सोनी और सूर्य प्रकाश लापता हो गए थे।
अभियान को पूरा करने के लिए दल के तीन सदस्य अरविन्द बोड़ा, भानू सोनी व सूर्य प्रकाश सुथार लगभग 12.30 बजे इन्द्राहार पास पर पहुंच गये तथा जय घोष किया व आगे बढ़ने की आवाज देकर आगे बढ़ गये। इस अभियान को पूरा कर देर रात तक जब तीनों सदस्य कैंप नहीं पहुंचे तो दल के बाकी सदस्यों को चिंता हुई। दल के सदस्यों ने काफी खोजबीन की लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली इस दौरान मेक्लोडगंज, मनाली पर्वतारोहण संस्थान द्वारा तीनों बहादुर बेटों को ढूंढा गया लेकिन उन्हें भी कोई सफलता नहीं मिली। बीकानेर के बहादुर बेटों के लापता होने की सूचना बीकानेर तक 1 जून को पहुंची, बीकानेर में यह सूचना पाकर हर कोई सन्न रह गया।
बीकानेर के बहादुर बेटों के लापता होने की सूचना मिलने के बाद राजस्थान सरकार और बीकानेर के ख्यातनाम पर्वतारोही मगन बिस्सा सहित कई पर्वतारोही लापता पर्वतारोहियों को ढूंढने में लग गए लेकिन उन्हें कोई सफलता नहीं मिली। पर्वतारोहियों द्वारा यह तय किया गया कि सितंबर माह में एक बार फिर उन्हें ढूंढा जाएगा इस दौरान लापता पर्वतारोहियों द्वारा प्रयोग में दिए गए सामान वह मिले। इस दौरान पुलिस कार्रवाई भी जारी रही। बीकानेर के वीर बहादुर बेटों के लापता होने पर हर कोई दुखी था।
इस घटना के चार वर्ष बाद मेमोरियल कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया तथा ट्रियुण्ड व इन्द्राहार पास पर मेमोरियल स्टोन लगाया गया जो आज भी पर्वतारोहियों को घटना की याद दिलाता है।
बीकानेर के बहादुर बेटों की याद को अक्षुण्ण रखने के लिए स्थानीय करणी सिंह स्टेडियम मे स्मृति शिलालेख लगा रखा है जहां आज सुबह तीनों वीर बहादुर बेटों को पुष्पांजलि अर्पित कर याद किया गया।