अक्सर विवादों में रहने वाली दिल्ली की जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के विद्यार्थियों ने एक बार फिर पिछले चार दिनों में जेएनयू का नाम विश्वपटल पर ला दिया है। जेएनयू को पिछले कई सालों से अनेक विवादों के कारण सुर्खियां मिली है, लेकिन जेएनयू की एकेडमिक एक्सीलेंस बिल्कुल भी इन विवादों से कम नही हुई है। कल ही यूपीएससी टॉपर रही श्रुति शर्मा भी जेएनयू से ही पढ़ी है। बुकर अवार्ड जीतने वाली लेखिका गीतांजलि श्री भी जेएनयू की ही स्टूडेंट् रही है। हाल ही में फ्रांस में हुए कान फिल्म फेस्टिवल में भारत के शौनक सेन ने गोल्डन ओय प्राइज जीता है।शौनक भी जेएनयू से ही डिग्री हासिल किए हुए है। जेएनयू के अनेक पूर्व छात्र-छात्राएं देश विदेश में अनेक बड़े पदों पर रहे है और आज भी है। विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण भी जेएनयू से ही पढ़े है।
1969 में स्थापित जेएनयू तमाम विवादों के बाद देश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों में हमेशा से शुमार होता आया है। 1000 एकड़ से भी ज्यादा क्षेत्र में फैले जेएनयू में इस समय भी 8 हजार से ज्यादा विधार्थी पढ़ रहे है। जेएनयू में 600 के करीब स्टाफ सदस्य है। जेएनयू का सालाना बजट ही 200 करोड़ रुपए के पार है।
मनोज रतन व्यास