राज्यसभा चुनाव को लेकर राजस्थान में सरगर्मी तेज हो गई है। जहां एक और कांग्रेस के तीन प्रत्याशियों ने अपना नामांकन दाखिल किया है वहीं भाजपा की ओर से एक प्रत्याशी मैदान में है साथ ही भाजपा के समर्थन से एक निर्दलीय प्रत्याशी भी मैदान में है। भाजपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी के मैदान में उतरने के साथ ही राज्यसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है।
आज कांग्रेस के मुकुल वासनिक, रणदीप सुरजेवाला और प्रमोद तिवारी ने अपना नामांकन दाखिल किया है। गौरतलब है कि राज्यसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने आलाकमान के नजदीकी मुकुल वासनिक कांग्रेस के प्रवक्ता और हरियाणा के कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला तथा उत्तर प्रदेश के कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी को मैदान में उतारा है। इन सभी उम्मीदवारों के नाम तय होते ही विरोध के सुर भी उठे लेकिन आज नामांकन के दौरान सभी के चेहरे खिले नजर आए। पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट प्रत्याशियों के नामांकन के दौरान मौजूद रहे।
भारतीय जनता पार्टी ने अपने पुराने कद्दावर ब्राह्मण नेता घनश्याम तिवारी को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है। गौरतलब है कि घनश्याम तिवारी ने वसुंधरा के विरोध में भाजपा को अलविदा कह दिया था और अपनी नई पार्टी बनाई उसके बाद घनश्याम तिवारी कांग्रेस में भी गए लेकिन 2020 के अंत में वह वापिस भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए पार्टी के पुराने नेता होने के नाते केंद्र ने घनश्याम तिवारी को टिकट देकर एक तीर से दो शिकार किए हैं। घनश्याम तिवारी के नामांकन के दौरान बीजेपी एकजुट नजर आई इस दौरान सतीश पूनिया गुलाबचंद कटारिया और वसुंधरा राजे सहित कई भाजपा नेता एक साथ नजर आए।
राज्यसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने दाव खेलते हुए निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में उतारा है। जी मीडिया समूह के मालिक सुभाष चंद्रा बतौर निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में है। सुभाष चंद्रा के मैदान में उतरने से राज्यसभा का यह चुनाव दिलचस्प बन गया है। अब कांग्रेस को अपनी 3 सीट में से 1 सीट को बचाने की जुगत में लगना होगा। सूत्रों की माने तो सुभाष चंद्र की एंट्री के साथ ही अब एक बार फिर राज्यसभा चुनाव को लेकर बाड़ाबंदी शुरू हो सकती है। कुल मिलाकर राज्यसभा चुनाव को लेकर राजस्थान में सियासी शह-मात देने की तैयारियां जोरों शोरों से शुरू हो गई है।