भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय द्वारा युवाओं के सेना में भर्ती के नाम पर अग्निपथ नाम की जो योजना लागू की गई है वह भारत में वर्षों से स्थापित सैनिक भर्ती की भर्ती के नियमों के विपरीत है।दुनिया के किसी भी देश में इस तरह की युवा सेना भर्ती योजना नहीं है। जिन देशों में युवाओं के लिए 5 से 8 वर्ष तक राष्ट्रीय सेना में सेवारत रहने की योजना है उसके भी नियम और कानून है । ब्रिटिश शाही दंपति के युवा भी ब्रिटिश सेना में ट्रेनिंग लेकर अफगानिस्तान के युद्ध में शामिल थे अमेरिका और रूस के भी युवक अनिवार्य सेना में भर्ती होकर योगदान देते हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अनजान ने संवाददाता से बात करते हुए कहा कि अग्निपथ योजना बेरोजगार युवकों को झांसा देने लायक कार्यक्रम है । सिर्फ चार वर्ष के लिए सेना में भर्ती करके उन्हें छोड़ देना, उन युवाओं की युवा शक्ति का अपमान ही नहीं बल्कि दुरूपयोग है । बरसो भारत की सेना में शामिल होकर देश के लिए समर्पण करने की भावना लेकर जो युवक-युवती तैयारी कर रहे हैं उनके उनके ऊपर सरकार आघात कर रही है। यहां यह बताने की आवश्यकता है कि भारत की सेनाओं में 20 वर्ष सेवा देने के बाद सेवानिवृत्त होते हैं तो उन्हें सार्वजनिक क्षेत्र और सरकारी क्षेत्र में या निजी क्षेत्रों में नौकरी दिए जाने की प्राथमिकता होती है। इसीलिए सरकार ने केंद्र, राज्य और जिला स्तर पर केंद्र सोल्जर बोर्ड बनाएं । परंतु लंबी अवधि के प्रशिक्षित, अनुशासित सैनिकों को काम नहीं मिलता । फिर 4 साल सेना में भर्ती नौजवानों को काम कैसे मिलेगा।
अतुल कुमार अनजान ने कि बिहार से लेकर के 7 राज्यों में नौजवान अग्निपथ नीति के विरोध में सड़कों पर उतरे हुए हैं ।उत्तर प्रदेश के 17 जिलों में नौजवानों पर पुलिस लाठी चार्ज कर रही है। मंत्री प्रधानमंत्री ,रक्षा मंत्री को इस अग्निपथ योजना को निरस्त कर के सभी भर्ती होने वाले नौजवानों की इच्छा को ध्यान में रखते हुए नई नीति को लेकर आना चाहिए । भारतीय सेनाओं में चार लाख से अधिक पद खाली है जिनमें लगभग 75,000 अधिकारियों के पद भी शामिल है देश की वर्तमान स्थिति को देखते हुए सुरक्षा को चाक-चौबंद करने के लिए युवाओं को भर्ती कर भारतीय सेना को युवा स्वरूप दिएजाने की जरूरत है।