चिकित्सा क्षेत्र में भामाशाहों के सहयोग से बदली अस्पतालों की सूरत के बाद अब शिक्षा के क्षेत्र में भी नवाचार होने जा रहा है। जिसके तहत भामाशाहों के सहयोग से राजकीय विद्यालयों का कायाकल्प किया जाएगा। इसकी विभागीय स्वीकृति शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल ने जारी करते हुए आदेश जारी किये है। जिसके तहत जनसहभागिता के माध्यम से जनउपयोगी कार्य किये जा सकेंगे। इसमें 50 प्रतिशत राजस्थान सरकार एवं 50 प्रतिशत दानदाता/भामाशाह/एनजीओ व स्वयंसेवी संस्था शिक्षा में राजकीय स्कूलों के विकास निर्माण में और आधुनिक उपकरण में दोनों में दानदाता/राज्य सरकार की राशि खर्च की जा सकेगी।
हल्दीराम एज्यूकेशनल सोयायटी ने भेजा था प्रस्ताव
स्कूलों की दशा सुधारने के लिये हल्दीराम एज्यूकेशनल सोयायटी के दिल्ली/ बीकानेर के अध्यक्ष मनोहरलाल अग्रवाल द्वारा राजस्थान सरकार को शिक्षा के क्षेत्र में जनसहभागिता के माध्यम से शिक्षा में जनउपयोगी कार्य के रूप में राजस्थान सरकार / शिक्षा मंत्री को प्रस्ताव बनाकर भेजा। प्रस्ताव में शिक्षा मंत्री बी.डी. कल्ला,शिक्षा सचिव पी.के. गोयल ने इस प्रस्ताव पर गौर फरमाते हुए प्रस्ताव पास करते हुए शिक्षा सचिव ने वित्त विभाग में भेज दिया। 19 जनवरी को प्रमुख वित्त शासन सचिव अखिल अरोड़ा की अध्यक्षता वाली कमेटी में तत्कालीन शिक्षा निदेशक कानाराम, आईएएस श्रीमती रश्मि शर्मा,राज्य परियोजना निदेशक समसा जयपुर, हेमपुष्प शर्मा, संयुक्त शासन सविच वित्त विभाग व अन्य प्रमुख वित्त विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ हल्दीराम ऐज्येकेशन सोसायटी के प्रतिनिधि रमेशकुमार अग्रवाल के साथ प्रस्ताव पर चर्चा की। ट्रस्ट के प्रतिनिधि से चर्चा उपरान्त अधिकारियों को प्रस्ताव प्रारूप बनाने के लिए कहा। राज्य सरकार ने 14 जून को सोसायटी के द्वारा प्रस्तावित प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी।
सोसायटी ने जताया आभार
हल्दीराम एज्यूकेशनल सोसायटी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत,शिक्षा मंत्री बी.डी. कल्ला,शिक्षा सचिव पी. के. गोयल व प्रमुख वित्त शासन सचिव अखिल अरोड़ा,शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल का आभार ज्ञापित किया। सोसायटी को आशा ही नहीं हमें पूर्ण विश्वास है कि शिक्षा के क्षेत्र में सोसायटी का ये प्रस्ताव मील का पत्थर साबित होगा। सोसायटी के प्रतिनिधि रमेश कुमार अग्रवाल ने कहा कि राजस्थान में चिकित्सा क्षेत्र की तरह शिक्षा के क्षेत्र में भी नई ऊँचाइयां प्राप्त करेगा। राजस्थान सरकार ने चिकित्सा क्षेत्र में बहुत बड़े-बड़े काम किए उसी की तर्ज पर शिक्षा के क्षेत्र में भी राजस्थान सरकार का यह प्रस्ताव मील का पत्थर साबित होगा। अग्रवाल ने कहा कि इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने से दानदाता/भामाशाह/एनजीओ व स्वयंसेवी संस्थाएं सभी आगे आकर राज्य सरकार के साथ कन्था से कन्धा मिलाकर शिक्षा के क्षेत्र में राजस्थान को अग्रणी बनाने में सहायक होगी। अग्रवाल ने कहा कि शिक्षा मंत्री डॉ बी.डी. कल्ला के सकारात्मक सोच का परिणाम है कि राजस्थान की शिक्षा का ढांचा लगातार नवाचारों के साथ मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है।
सोसायटी पूर्व में कर चुकी है नवाचार
ध्यान रहे कि मुख्यमंत्री ने 2010 में हल्दीराम मूलचन्द कार्डियोलोजी रिसर्च सेन्टर बीकानेर के बाद पूरे राज्य में चिकित्सा के क्षेत्र में जनसहभागिता योजना लागू की थी और जिनके सुखद परिणाम सामने आ रहे हैं। राजस्थान चिकित्सा क्षेत्र में आज अव्वल स्थान पर है। इसी तरह शिक्षा के क्षेत्र में भी सोसायटी का ये प्रस्ताव सभी के लिए नजीर बनी है। चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में आमजन को सीधे रूप में मदद मिले इसके लिए महत्वकांक्षी योजनाओं को मूर्त रूप देकर एक नया अध्याय लिखा है। जिससे हर वर्ग को मदद मिल रही है।
बुकलेट का लोकार्पण
बीकानेर प्रवास के दौरान शिक्षा मंत्री डॉ बी डी कल्ला ने हल्दीराम एज्यूकेशनल सोयायटी की ओर से बीकानेर में संचालित अंग्रेजी माध्यम स्कूल में किये गये नवाचार की एक बुकलेट का लोकार्पण किया। प्रतिनिधि रमेश कुमार अग्रवाल भी इस मौके पर मौजूद रहे। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ कल्ला ने कहा कि सोसायटी की इस अनूठी पहल से स्कूलों के हालात सुधरेंगे। पूर्व में चिकित्सा के क्षेत्र में भी सोसायटी ने इस प्रकार की पहल कर क्रांति ला दी थी। अब ऐसी शुरूआत कर नये आयाम स्थापित करेगा।