ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने एक ऐसा बयान दिया है जो मुस्लिम पक्ष को भी बेहद सटीक लग रहा है। भागवत ने कल नागपुर में कहा कि ज्ञानवापी का एक इतिहास है जिसे हम बदल नही सकते है। आज के हिन्दू और मुसलमानों ने तो ये बनाया नही है। रोज एक मस्जिद में शिवलिंग को क्यों देखना है? झगड़े को क्यों बढाना है। वो भी एक पूजा है जिसे उन्होंने अपनाया है, वो यहीं के ही मुसलमान है। भागवत ने कहा कि बेशक वे बाहर से आई है लेकिन वह भी एक पूजा पद्धति है और जिन सबने अपनाई है उनके भी पूर्वज हमारे ऋषि मुनि और क्षत्रिय है। संघ प्रमुख ने कहा है कि भारत किसी एक पूजा और भाषा को नही मानता क्योंकि हम समान पूर्वज के वंशज है। भागवत ने कहा कि मुसलमानों को यह नही मानना चाहिए कि यह उनके विरूद्ध है। मिल कर बैठ कर कोई रास्ता निकलना चाहिए। हर बार रास्ता नही निकलता है तो कोर्ट जाना पड़ता है और फिर कोर्ट जो निर्णय देता है उसको मानना चाहिए। भागवत ने कहा कि हमने पहले ही नवम्बर में कह दिया था कि राम मंदिर के बाद हम कोई आंदोलन नही करेंगे,लेकिन मुद्दे तो मन में उठते है अगर ऐसा कुछ है तो मिल बैठकर सुलझा लेना चाहिए।
मनोज रतन व्यास