एक 54 साल के विधायक का टीचर भर्ती में फाइनल सलेक्शन हुआ है। टीचर की जॉब के लिए विधायक कर्णम धर्माश्री ने 24 साल पहले इंटरव्यू दिया था और जैसा सरकारी भर्तियों में अक्सर होता आया है, वही इस टीचर भर्ती के साथ हुआ और भर्ती कानूनी लड़ाई में फंस गई और कल 24 साल बाद आंध्रप्रदेश के शिक्षा विभाग ने 1998 की शिक्षक भर्ती के मामले का निपटारा कर ढाई दशक से नियुक्ति की बाट जोह रहे अभ्यर्थियों को नौकरी जॉइन करने की सूचना दी। आंध्रप्रदेश की सत्तारूढ़ पार्टी YSR के विधायक कर्णम ने 1998 में टीचर भर्ती परीक्षा लिखित में पास कर ली थी,इंटरव्यू भी हो गया था। आज के विधायक 24 साल पूर्व रिजल्ट का इंतजार करते ही रह गए और भर्ती कट ऑफ मार्क्स विवाद में फंस कर लटक गईं। आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री जगन रेड्डी ने 24 साल पुरानी भर्ती के मामले को पर्सनली मॉनिटर कर अनेक अधेड़ उम्र के शिक्षकों को अब पक्की नौकरी दी है। विधायक तो अब टीचर की नौकरी नही जॉइन करेंगे, लेकिन वो खुश है उनके अनेक दोस्तो को जीवन के छठे दशक में नौकरी और दूसरे बेनिफिट्स मिलेंगे। विधायक कर्णम 2004 में ही पहली दफा विधानसभा पहुंच गए थे,फिर 2009 और 2014 में चुनाव हार भी गए थे,लेकिन 2019 में जगन रेड्डी की चुनावी सुनामी में वो फिर जीत गए। विधायक कर्णम का कहना है कि इंटरव्यू के साल दो साल बाद अगर परिणाम आ गया होता तो वे आज भी टीचर ही होते,लेकिन किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था। विधायक का 24 साल बाद नौकरी के लिए चयन होना हमारे लेटलतीफ और लापरवाह सिस्टम की पोल खोलता है।
मनोज रतन व्यास