आगामी 10 जून को 15 राज्यों की 57 सीटों पर राज्यसभा चुनाव होने हैं इसके चलते देश भर में राज्यसभा चुनाव को लेकर चर्चाएं तेज हो रखी है। हालांकि राज्यसभा चुनाव को लेकर ज्यादा सरगर्मी नहीं होती लेकिन इस बार राजस्थान, हरियाणा और महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनाव रोमांचक हो गया है विशेषकर पूरे देश में राजस्थान में होने वाले राज्यसभा चुनाव को लेकर खासी दिलचस्पी है और इसकी वजह 4 सीटों पर 5 उम्मीदवारों का उतरना है। राजस्थान में बीजेपी के समर्थन से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर सुभाष चंद्रा मैदान में हैं और उनके नामांकन दाखिल करने के साथ ही राजस्थान में राज्यसभा चुनाव रोमांचक हो गया है।
यह है राजस्थान राज्यसभा चुनाव के उम्मीदवार
कांग्रेस ने रणदीप सुरजेवाला मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी को मैदान में उतारा है वहीं बीजेपी ने घनश्याम तिवारी को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है साथ ही भाजपा के समर्थन से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर सुभाष चंद्रा ने नामांकन दाखिल कर राज्यसभा चुनाव को रोमांचक बना दिया है।
हर उम्मीदवार को चाहिए जीत के लिए इतने वोट
राज्यसभा चुनाव में प्रत्येक उम्मीदवार को जीत के लिए प्रथम वरीयता के 41 वोट चाहिए इस लिहाज से कांग्रेस को अपने तीनों उम्मीदवारों को राज्यसभा भेजने के लिए कुल 123 मत चाहिए वहीं भाजपा को 41 और निर्दलीय प्रत्याशी को 41 मत चाहिए।
जानिए किस दल के हैं कितने विधायक
राजस्थान विधानसभा में फिलहाल कांग्रेस के 108 विधायक है जिसमें बसपा से कांग्रेस में आए विधायक भी शामिल है। भारतीय जनता पार्टी के कुल 71 विधायक हैं। इन दो प्रमुख पार्टियों के अलावा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के दो,निर्दलीय 13, आरएलडी का एक, आरएलपी के तीन व बीटीपी के दो विधायक है।
राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों की स्थिति
कल तक कांग्रेस के 108 विधायकों में से से बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए 6 विधायक बगावती सुर में थे लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत ने इन सभी 6 विधायकों को साध लिया है। इस लिहाज से कांग्रेस के पास फिलहाल 108 उनके और 13 निर्दलीय तथा एक आरएलडी विधायक का समर्थन है। इन सब की कुल गणित 122 होती है और कांग्रेस को 123 मत चाहिए इस लिहाज से कांग्रेस भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के दो तथा बीटीपी के दो विधायकों को भी अपने साथ लेकर आ सकती है। पूर्व में जब कांग्रेस सियासी संकट के दौर से गुजर रही थी तब इन सभी विधायकों का समर्थन कांग्रेस को मिला था। अगर सब कुछ इसी आंकड़ों के हिसाब से काम हो जाए तब यह तय माना जा सकता है कि कॉन्ग्रेस 123 के जादुई आंकड़े को छू लेगी मतलब अपने तीनों उम्मीदवार को जीत दिला सकती है।
भाजपा और भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार की स्थिति
भाजपा ने राज्यसभा उम्मीदवार के तौर पर घनश्याम तिवारी को मैदान में उतारा है इस वक्त राजस्थान विधानसभा में भाजपा के 71 विधायक हैं और भाजपा को अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए 41 मत चाहिए जो कि उन्हें आसानी से मिल जाएंगे लेकिन इस चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी की एंट्री के साथ ही यह चुनाव रोमांचक हो गया है राजस्थान राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा के समर्थन से सुभाष चंद्रा बतौर निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में है। भाजपा के पास कुल 71 विधायक हैं जिसमें से 41 विधायक घनश्याम तिवारी को प्रथम वरीयता के मत देंगे उसके बाद भाजपा के 30 विधायक बचते हैं जो निर्दलीय उम्मीदवार को प्रथम वरीयता के मत दे सकते हैं इस लिहाज से सुभाष चंद्रा को जीत के लिए कुल 11 मत और चाहिए इसके लिए माना जा रहा है कि आरएलपी के तीन विधायक सुभाष चंद्रा को मत दे सकते हैं।
क्रॉस वोटिंग बिगाड़ सकती है कांग्रेस का गणित
इस वक्त कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग का डर सता रहा है दरअसल सुभाष चंद्रा को जीत के लिए कुल 41 वोट चाहिए जिसमें से 30 भाजपा के वोट और तीन आरएलपी के वोट उन्हें मिल सकते हैं इस लिहाज से सुभाष चंद्रा को जीत के लिए 8 वोट और चाहिए इसलिए यह अंदेशा लगाया जा रहा है कि सुभाष चंद्रा कॉन्ग्रेस,बीटीपी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और निर्दलीय विधायकों में सेंध लगा सकते हैं। माना यह जा रहा है कि कांग्रेस के कुछ असंतुष्ट विधायक और कुछ निर्दलीय विधायक क्रॉस वोटिंग कर सुभाष चंद्रा को राज्यसभा भेज सकते हैं।
राज्यसभा चुनाव में बीकानेर की भूमिका
राज्यसभा चुनाव के लिए बीकानेर कि 7 विधानसभा क्षेत्र के विधायक भी मतदान करेंगे। बीकानेर पश्चिम से विधायक डॉक्टर बीडी कल्ला, कोलायत विधानसभा क्षेत्र से विधायक भंवर सिंह भाटी और खाजूवाला विधानसभा क्षेत्र से विधायक गोविंद राम मेघवाल कांग्रेस के पक्ष में मतदान करेंगे। वही नोखा से विधायक बिहारीलाल बिश्नोई लूणकरणसर से विधायक सुमित गोदारा और बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र से विधायक सिद्धि कुमारी बीजेपी के पक्ष में मतदान करेगी इसके अलावा श्रीडूंगरगढ़ के विधायक गिरधारी लाल माहिया कांग्रेस के पक्ष में मतदान कर सकते हैं।
बीकानेर के दो विधायक अपने फैसले से सबको चौका सकते हैं
जिस हिसाब से राजस्थान में राज्यसभा चुनाव को लेकर सियासी भगदड़ मची है उस हिसाब से बीकानेर की भूमिका बेहद खास देखी जा रही है क्योंकि बीकानेर के श्रीडूंगरगढ़ से विधायक गिरधारी लाल माहिया ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं हालांकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के भादरा से विधायक बलवान पूनिया ने स्पष्ट तौर पर कांग्रेस के साथ जाने की बात कही है लेकिन जब बलवान पूनिया यह बात कह रहे थे तब गिरधारी महिया उनके साथ नजर नहीं आए। राजस्थान में जब सियासी संकट आया था तब गिरधारी लाल माहिया ने कांग्रेस के पक्ष में अपना समर्थन रखा था हालांकि उस दौर में भी यह दावा किया गया था कि गिरधारी माहिया सचिन पायलट के संपर्क में थे। हालांकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने स्पष्ट तौर पर भाजपा और भाजपा के समर्थन से खड़े निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थन न करने की बात कही है इस लिहाज से महिया कांग्रेस के पक्ष में मतदान कर सकते हैं।
सियासी गलियारों में एक चर्चा यह भी है कि बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र से विधायक सिद्धि कुमारी इस वक्त ज्यादा सक्रिय नजर नहीं आ रही। विधायक सिद्धि कुमारी पार्टी के कार्यक्रमों में भी नहीं जा रही ना ही किसी पब्लिक कार्यक्रम में शिरकत कर रही है और तो और बीते दिनों भाजपा के कार्यालय के उद्घाटन के दौरान भी पार्टी के बड़े आयोजन में सिद्धि कुमारी नहीं पहुंची इन सबको देखते हुए यह कयास लगाए जा रहे हैं कि सिद्धि कुमारी हो सकता है कि राज्यसभा चुनाव के दौरान मतदान करने भी ना जाए। हालांकि इस बात की संभावना बहुत कम है की सिद्धि कुमारी मतदान करने ना जाए क्योंकि पिछले राज्यसभा चुनाव के दौरान सिद्धि कुमारी की माता जी का देहांत हो रखा था इसके बावजूद भी बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र से विधायक सिद्धि कुमारी राज्यसभा चुनाव के लिए अपना वोट कास्ट करने जयपुर गई थी इसलिए इस बात की संभावना बहुत कम है कि सिद्धि कुमारी मतदान करने ना जाएं।
कुल मिलाकर 10 जून को होने वाले राजस्थान में राज्यसभा चुनाव को लेकर जहां एक ओर पायलट और गहलोत एक साथ लगकर कॉन्ग्रेस के उम्मीदवारों के पक्ष में काम कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर बीजेपी भी एकजुटता का संदेश दे रही है। दोनों ही दल अपनी-अपनी रणनीति तैयार कर अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं।