आपणी हथाई न्यूज,चीन और ताइवान के बीच युद्ध की संभावनाएं लगातार बढ़ रही है। अमेरिका की संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी द्वारा ताइवान की यात्रा के बाद चीन और ताइवान के बीच विवाद और गहराया गया है। सनद रहे ताइवान को आजाद मुल्क के रुप में मान्यता दुनिया के अधिकांश देशों ने नहीं दी है। भारत और अमेरिका ने भी ताइवान को आजाद देश के रूप में अब तक स्वीकार नही किया है। ताइवान को आजाद देश के रूप में कुछ द्विपीय देशों ने ही मान्यता प्रदान की है। अगर चीन और ताइवान के बीच युद्ध छिड़ गया तो दुनिया में इलेक्ट्रॉनिक इमरजेंसी की नौबत आ सकती है। ताइवान अकेला दुनिया का 65 फीसदी सेमी कंडक्टर चिप का निर्माण करता है।ताइवान के बाद सर्वाधिक चिप साउथ कोरिया बनाता है और उसके बाद अमेरिका का नम्बर आता है। अगर ताइवान पर चीन हमला करता है तो ताइवान के चिप मैन्युफैक्चरिंग पर गहरा प्रभाव पड़ेगा और दुनिया भर में सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के निर्माण पर लगभग रोक सी ही लग जाएगी। भारत में भी सभी गाड़ियों, लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में ताइवान की ही चिप काम में ली जाती है। ताइवान की सैन्य क्षमता चीन की तुलना में कुछ भी नही है, अगर अमेरिका ताइवान के समर्थन में चीन से युद्ध नही लड़ता है तो ताइवान की भी हालत यूक्रेन जैसी होनी तय है।
मनोज रतन व्यास