आपणी हथाई न्यूज ,नेताओं का कुर्सी से मोह किसी से छिपा नहीं है। कुर्सी से मोह सियासत तक तो फिर भी ठीक है लेकिन यही मोह जब खेल में हावी हो जाए तो खेल और खिलाड़ियों को इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ता है। दरअसल इंटरनेशनल फुटबॉल की सर्वोच्च संस्था FIFA ने भारतीय फुटबॉल संघ AIFF को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। भारतीय फुटबॉल संघ के सस्पेंड होने से अब भारतीय फुटबॉल मेंस और वूमेन टीम दुनिया के किसी भी टूर्नामेंट में भाग नही ले सकेगी। सन्सपेशन की ही वजह से भारत के हाथ वर्ल्डकप की मेजबानी भी चली गई है। भारत मे इसी साल अंडर 17 वुमन महिला वर्ल्डकप होना था। फीफा ने कहा है कि भारतीय फुटबॉल संघ में थर्ड पार्टी का दखल बहुत ज्यादा है जो फीफा के नियमो के खिलाफ है। फीफा ने कहा है जब तक फुटबॉल संघ एकजुट होकर काम करना शुरू नही करेगा तब तक सन्सपेशन नही हटाया जाएगा।
भारतीय फुटबॉल संघ का सन्सपेशन पूर्व केंद्रीय मंत्री और शरद पवार की पार्टी राकांपा के राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल के कारण हुआ है। पटेल 2009 से भारतीय फुटबॉल संघ के अध्यक्ष रहे है। 2020 में पटेल का तीसरा कार्यकाल भी खत्म हो गया था। 2020 में चुनाव होना था लेकिन पटेल ने अध्यक्ष पद छोड़ा ही नही। 2022 की मई में शिकायत के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पटेल को अध्यक्ष पद से हटने का आदेश दिया। तब से लेकर भारतीय फुटबॉल संघ का कोई अध्यक्ष ही नही है और संघ में राजनीति जारी है और इसलिए ही फीफा ने भारतीय फुटबॉल संघ को संस्पेंड कर दिया है।
मनोज रतन व्यास