आपणी हथाई न्यूज,प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन 17 सितम्बर को भारत की जमीन पर एक बार फिर से चीते की गुर्राहट सुनाई देगी। भारत में अंतिम बार साल 1948 में चीतों को देखा गया था,वर्ष 1952 में चीतों को विलुप्त प्रजाति भारत सरकार ने घोषित कर दिया था। अब सत्तर साल बाद चीते भारत में मध्यप्रदेश राज्य के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में आजादी से विचरण करते दिखाई देंगे। भारत सरकार ने अफ्रीका और नामीबिया से 36 चीतों को चरणबद्घ तरीके से भारत लाने का समझौता किया है। पहली खेप में 8 चीते प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर भारत आएंगे। मोदी स्वयं कुनो राष्ट्रीय उद्यान में मौजूद रहकर 8 चीतों को विशेषरूप से बने 5 किमी दायरे के क्षेत्र में छोड़ेंगे। चीतों के लिए कुनो राष्ट्रीय उद्यान को रिडेवलप किया गया है। इस क्षेत्र से सैकड़ों लोगों को विस्थापित भी किया गया है। कुल 750 वर्गकिमी में कुनो राष्ट्रीय उद्यान फैला हुआ है। कुनो नदी के नाम पर ही उद्यान का नाम रखा गया है। उद्यान के बीच से ही नदी प्रवाहित होती है। चीतों के शिकार के लिए करीब 25000 हिरण, नीलगाय जैसे जानवर कुनो उद्यान में है। पूरे एशिया महाद्वीप में ही ईरान को छोड़कर किसी भी देश मे चीते लगभग विलुप्त हो चुके है, अब फिर से चीतों की रफ्तार भारत के नेशनल पार्क में दिखाई देगी।
मनोज रतन व्यास