आपणी हथाई न्यूज, पिछले दो सालों से भारत और चीन जैसे देश के बीच सीमा पर विवाद के बाद अन्य तरीकों से भी भारत और चीन के बीच संबंधों में दरार आई है। सन 2020 में गलवान घाटी में भारतीयों सैनिकों के शहीद हो जाने के बाद स्थितियां दिनों दिन बिगड़ती गई है। बरहाल अब कयास ये लगाए जा रहे है कि शिखर सम्मेलन से ठीक पहले दोनों देश सीमा पर 2020 से पहले वाली स्थिति में आने पर सहमत हुए है। इसे डिस एंगेजमेंट कहा जाता है। भारतीय सेना के अनुसार 12 सितंबर तक डिस एंगेजमेंट की प्रक्रिया दोनों देशों की तरफ से पूरी कर ली जाएगी और मौके का निरीक्षण भी दोनों देशों के अधिकारी करेंगें।
चीन की बात करे तो इतिहास में मिले चीन से धोखों को देखते हुए भारत पूरी तरह विश्वास करने के मूड में नही है। सेनाएं भले ही पीछे हटाई जा रही हो मगर भारत अलर्टनेस में कोई कमी नही रखेगा। भारत और चीन (India-China) ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि वे दोनों देशों की सेनाओं के बीच विवाद का कारण बने गोगरा-हॉट स्प्रिंग एरिया में बने अपने-अपने अस्थाई ढांचों को हटा लेंगे। आपकों बता दे कि भारत और चीन 15 से 16 सितंबर को समरकंद में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन से इतर मोदी-शी की संभावित बैठक के बारे में एक-दूसरे के संपर्क में हैं, चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि ‘उनके पास इस समय इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है।