यूनिस्को और पर्यटन विभाग द्वारा संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है उत्सव का आयोजन
जैसलमेर, 24 सितम्बर/यूनेस्को और पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में सोनार दुर्ग पर आयोजित दो दिवसीय जैसलमेर लोककला एवं हस्तशिल्प उत्सव का शुभारम्भ विधायक रूपाराम धनदे व अतिरिक्त जिला कलेक्टर दाताराम ने शनिवार को दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
इस उत्सव के पहले दिन विभिन्न लोककलाओं के शिल्पियों ने अपनी कला का जीवंत प्रदर्शन किया और लोक संगीतकारों ने अपने वाद्ययंत्रों व सुरों से समा बांधा। उल्लेखनीय है कि इस उत्सव में पश्चिमी राजस्थान के लोक संगीत और लोक नृत्य के प्रदर्शन के साथ ही मिट्टी की आकर्षक वस्तुओं एवं हैण्डीक्राफ्ट उत्पादों का प्रदर्शन किया जा रहा है।
इस अवसर पर विधायक रूपाराम धनदे ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि जैसलमेर की विश्वस्तरीय पहचान बनाने में सबसे बड़ा योगदान लोक कलाकारों का रहा है। उन्होंने पद्मश्री स्वर्गीय साँकर खान को याद करते हुए कार्यक्रम में उपस्थित उनके परिवार के सदस्यों का अभिनंदन किया। उन्होंने उपस्थित सभी कलाकारों से आह्वान किया कि वे अपनी कला को बनाये रखने के साथ उसको आगे बढ़ाने के लिए भी व्यवस्थित प्रयास करें। अतिरिक्त जिला कलेक्टर दाताराम ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि ऐसे उत्सवों के आयोजन से लोक कलाओं को बढ़ावा मिलेगा।
इससे पूर्व सांस्कृतिक विरासत की शिक्षा कार्यक्रम के तहत बच्चों ने स्थानीय लोककलाओं के रंगबिरंगे आधे-अधूरे चित्रों में रंग भर के उन्हें न केवल पूर्ण किया बल्कि उन्हें कागज पर जीवंत होते देखा। इसके अलावा बच्चों के साथ बड़ों ने भी कुम्हार की चाक चला कर मिट्टी को आकार दिया। उत्सव के दौरान पाटौदी की जूतियां, पोकरण की मिट्टी कला, जैसलमेर की कठपुतली और बाड़मेर के कपड़े की एप्लिक कला की प्रदर्शनी भी आयोजित की गयी है।
इस अवसर पर सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया कि जिसमें बरना के प्रसिद्द लोकसंगीत कलाकार गाजी खान व उनके साथियों ने डेजर्ट सिम्फनी, हमीरा के घेवर खान, दरे खान, फिरोज खान तथा जोधपुर की आशा सपेरा द्वारा कालबेलिया नृत्य प्रस्तुत किया। इस अवसर पर नगर परिषद सभापति हरिवल्लभ कल्ला, महिला आयोग की सदस्य अंजना मेघवाल, नगर विकास न्यास की सचिव सुनीता चौधरी, नगर परिषद आयुक्त शशिकांत शर्मा सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।