राजस्थान का सियासी समीकरण गहलोत या पायलट के पक्ष में बैठेगा,इसका फैसला अगले 48 घण्टो में हो सकता है। कांग्रेस के महासचिव के सी वेणुगोपाल ने भी राजस्थान की सियासी तस्वीर साफ होने में दो दिन का समय लगना बताया है। कल अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने अलग अलग कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से निजी भेंट कर लंबी चर्चा की। अशोक गहलोत ने तो कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी से सार्वजनिक तौर पर माफी मांग ली है। गहलोत ने कहा कि जो राजस्थान के कांग्रेसी विधायकों ने कांग्रेस पर्यवेक्षको के साथ व्यवहार किया,उस के बाद वो कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव नही लड़ेंगे। गहलोत ने कहा कि ये उनकी नैतिक जिम्मेदारी थी कि कांग्रेस आलाकमान के लिए एकल प्रस्ताव स्वीकार हो,लेकिन ऐसा नही हुआ,इसलिए उन्हें दुख है। गहलोत ने कहा कि पूरे देश में यह मैसेज गया कि मैं हर हाल में मुख्यमंत्री रहना चाहता हूं। अब गहलोत ने कहा है कि राजस्थान का मुख्यमंत्री वो ही रहेंगे या कोई और,इसका अंतिम फैसला सोनिया गांधी पर छोड़ दिया गया है।
वही सचिन पायलट ने सोनिया गांधी से मिलने के बाद कहा कि मैंने अपनी भावनाओं को कांग्रेस आलाकमान के सामने व्यक्त कर दी है। पायलट ने कहा कि हमें राजस्थान में कांग्रेस की सरकार फिर से रिपीट करनी है, जहाँ तक बात सीएम पद की है, उसका फैसला पार्टी आलाकमान करेगा।
कांग्रेस अध्यक्ष के लिए दिग्विजय सिंह का नाम आने के बाद सचिन पायलट का पलड़ा राजनीतिक जानकर भारी मान रहे है। दिग्विजय सिंह, राहुल गांधी के ज्यादा करीबी है। राहुल गांधी ही पायलट को मुख्यमंत्री बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। क्या दिग्विजय सिंह का नामांकन, पायलट को मुख्यमंत्री पद के करीब ले जाएगा या जादूगर अशोक गहलोत फिर कोई नया जादू दिखाएंगे, ये अगले 48 घण्टो में साफ हो जाएगा। जल्द ही दिल्ली से फिर कांग्रेस पर्यवेक्षको की एक टीम फिर राजस्थान के विधायकों से फिर मिलने वाली है।
मनोज रतन व्यास