आपणी हथाई न्यूज,राजस्थान की पूर्व सीएम रही वसुंधरा राजे रविवार और सोमवार को दो दिन की बीकानेर यात्रा पर थी। इस बीच उन्होंने करणी माता का आशीर्वाद लिया और अपने संबोधन में यह इशारा भी कर दिया कि उन्हें सफेद काबा ( सफेद चूहा ) के दर्शन हो गए। हालांकि वसुंधरा इस दौरे में एक मंझे हुए राजनीतिज्ञ के तौर पर नज़र आई जिसने बिना आलाकमान के तारों को छूते हुए अपना संदेश भी दिल्ली तक पहुंचा दिया कि फ़िल्म अभी बाकी हैं। राजस्थान में इस बार होने वाले चुनावों में बीजेपी जहा बिना सीएम फेस के मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ना चाहती है वही राजे के समर्थकों को ये बात रास नही आ रही है। बरहाल राजे के समर्थन में जुटी इस भीड़ का शोर दिल्ली में बैठे बीजेपी आलाकमान तक जरूर पहुंचा होगा।
कुछ दिखे खास और पास तो कुछ दूर
राजे की इस यात्रा में बीजेपी विधायक सिद्धि कुमारी जो इस यात्रा में उनके इर्द-गिर्द ही नजर आई वही नोखा विधायक बिहारी लाल बिश्नोई ने भी मुकाम में राजे का स्वागत कर कुछ कार्यकर्ताओं से भेंट करवाई। केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल के गुट से जुड़ें नेताओ ने राजे की इस यात्रा से खुद को दूर रखना ही उचित समझा। वही महापौर सुशीला कंवर व लूणकरणसर विधायक सुमित गोदारा की भी दूरी सियासी गलियारे में चर्चा का विषय रही।
भाटी के हाथ अब भी खाली
राजनीति से जुड़े जानकार मानते है कि दो दिनों की इस यात्रा में जूनागढ़ के आगे जुटी इस भीड़ में कद्दावर नेता देवी सिंह भाटी की बड़ी भूमिका रही जिसने आस-पास के गांवों और संभाग स्तर से कार्यकर्ताओ को बुलवाया। हालांकि समर्थकों की इस भीड़ और मैनेजमेंट के लिए पूर्व युआईटी चैयरमेन महावीर रांका की महत्वपूर्व भूमिका को अनदेखा नही किया जा सकता। एक बार फिर वसुंधरा के होने के बावजूद भाटी की बीजेपी में एंट्री ना होना भाटी की दुखती रग पर हाथ फेरने जैसा है।
पूर्व विधायक जोशी के घर सांत्वना, कन्फ्यूजन बरकरार
दूसरे दिन वसुंधरा राजे पूर्व विधायक दिवंगत डॉ गोपाल जोशी के घर पहुंची जिसके बाद उनके परिजनों ने राजे का एक छोटा सा संबोधन भी रखा। एक ही घर में दो उम्मीदवारों के बीच खड़ी राजे ने यहां भी ऐसे कोई संकेत नही दिए जिससे आने वाला वक्त में जनता इन दोनों उम्मीदवारों में से किसी एक में अपना नेता ढूंढ सके।
बीजेपी का सर्किट हाउस में मेल-मिलाप
पहले दिन दौरे से दूरी रखने वाली बीकानेर बीजेपी अगले दिन वसुंधरा से मिलने सर्किट हाउस पहुंची । मिलने की औपचारिकता भी हुई गुलदस्ते भी भेंट हुए और फोटोबाजी भी हुई। हालांकि 10 बजे तक चलने वाली राजे की प्रेस कांफ्रेंस वरिष्ठ पत्रकार के ऑफ द कैमरा पूछे सवाल से आधे घण्टे पहले ही सिमट गई।
गिरीश कुमार श्रीमाली