डेढ़ दशक का लंबा इंतजार राजस्थान सरकार इस साल के अंत या नए वर्ष के शुरुआत में 5 से 7 नए जिलों की घोषणा कर खत्म कर सकती है। प्रदेश के 24 जिलों के 50 से ज्यादा क्षेत्रों को जिला बनाने की मांग लंबे समय से चल रही है। बीकानेर की नोखा तहसील को भी जिला बनाने की मांग लंबे समय से उठ रही है। प्रदेश की गहलोत सरकार ने नए जिलों के गठन की सिफारिश के लिए रिटायर्ड आईएएस अधिकारी राम लुभाया मीणा की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई थी जिसकी रिपोर्ट इसी महीने आनी थी लेकिन अब यह रिपोर्ट लगभग 2 माह के बाद आएगी उसके बाद ही यह तय हो पाएगा की कौन से क्षेत्र को नया जिला घोषित किया जाएगा।
इन क्षेत्रों को बनाया जा सकता है नया जिला
गहलोत सरकार ने इस बार बजट के दौरान नए जिले गठित करने के लिए हाई पावर कमेटी बनाने की घोषणा की थी इसी के तहत मार्च में रिटायर्ड आईएएस अधिकारी राम लुभाया मीणा की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई। राम लुभाया कमेटी की सिफारिशों पर नए जिले गठित किए जाएंगे फिलहाल कोटपुतली, बालोतरा, फलोदी, डीडवाना, ब्यावर, नीमकाथाना और भिवाड़ी जिला बनने की रेस में सबसे आगे हैं।
प्रदेश को बीते 14 सालों से हैं नए जिले का इंतजार
राजस्थान में पिछले 14 साल से एक भी नया जिला नहीं बना है। राजस्थान का अंतिम नया जिला वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा 26 जनवरी 2008 में प्रतापगढ़ को बनाया गया था। 2008 से अब तक 14 सालों में किसी भी सरकार द्वारा प्रदेश में नया जिला गठित नहीं किया गया। अब ऐसा माना जा रहा है मुख्यमंत्री गहलोत के नेतृत्व में चल रही कांग्रेस सरकार द्वारा इस कार्यकाल में प्रदेश में 5 से 6 नए जिले गठित किए जाएंगे।
अपने क्षेत्रों को नया जिला बनाने के लिए संघर्षरत है जनता और जनप्रतिनिधि
अपने क्षेत्र में नया जिला बनाने के लिए क्षेत्र के नेता लगातार सरकार पर दबाव बना रहे हैं। बालोतरा विधायक मदन प्रजापत ने तो जब तक बालोतरा को जिला नव बना दिया जाए तब तक जूते चप्पल ना पहनने की कसम तक खा रखी है। मार्च महीने से बालोतरा विधायक मदन प्रजापत नंगे पांव घूम रहे हैं। कांग्रेस विधायक सुशील मोदी नीमकाथाना को जिला बनाने की पैरवी कर रहे हैं इस दौरान सुरेश मोदी और प्रदेश सरकार में मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के बीच नीमकाथाना को जिला बनाने को लेकर उदयपुरवाटी की बात पर दोनों नेताओं में टकराव की खबरें भी सामने आई। फलोदी को जिला बनाने की मांग को लेकर स्थानीय नेताओं द्वारा लंबे समय से संघर्ष किया जा रहा है। सरकार पर दबाव बनाने के लिए नेताओं के साथ-साथ वहां की जनता भी सड़कों पर उतरी और क्रमिक अनशन किए।
नोखा को अभी और करना पड़ सकता है इंतजार
प्रदेश में जिस तरीके से 24 जिलों के लगभग 50 से ज्यादा क्षेत्रों की जनता और नेताओं द्वारा अपने क्षेत्र को जिला बनाने की मांग की जा रही है इस दौड़ में बीकानेर की नोखा तहसील भी शामिल है लेकिन बीकानेर की नोखा तहसील दौड़ में पिछड़ती नजर आ रही है हालांकि नोखा की जनता और जनप्रतिनिधि नोखा को नया जिला बनाने की मांग जरूर कर रहे हैं लेकिन जिस तरीके से दूसरे क्षेत्रों के जनप्रतिनिधि और जनता पूरी सक्रियता से अपने क्षेत्र को जिला बनाने की मांग को पुरजोर से उठा रहे हैं ऐसी मांग नोखा से नहीं उठ रही यही वजह है कि नोखा इस दौड़ में पिछड़ता हुआ नजर आ रहा है। फिलहाल की परिस्थितियों को देखे तो ऐसा लग रहा है कि इस बार फिर नोखा जिला बनने से महरूम रह सकता है हालांकि रामलुभाया कमेटी द्वारा इस साल के अंत में आने वाली रिपोर्ट में यह लगभग साफ हो जाएगा कि कौन से क्षेत्र को नए जिले का दर्जा मिलेगा लेकिन इससे पहले यह कयास लगाए जा रहे हैं कि संभवत नोखा को नया जिला ना बनाया जाए।