आपणी हथाई न्यूज, कांग्रेस नेता राजकुमार किराडू ने प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से मुलाकात की और ग्यारह सूत्री पत्र सौंपा।
इसमें कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ताओं को तवज्जो देने के अलावा संविदा कार्मिकों को सरकार की भावना के अनुरूप नियमित करने और निविदा कार्मिकों को सर्विस रूल्स में शामिल करने की मांग शामिल है।
किराडू ने रंधावा से मांग की कि टिकट वितरण के दौरान पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता को सर्वोच्च तवज्जो दी जाए। पैराशुटी व्यक्ति को उम्मीदवार बनाने से कार्यकर्ताओं के मन में निराशा होती है। उन्होंने पीड़ा जताई कि वर्तमान में सरकारी नियुक्तियों और संगठन में स्थापित नेताओं के रिश्तेदारों को पद दिए जा रहे हैं। इससे भी कार्यकर्ताओं में रोष की भावना पैदा होती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर खरगे जी को अध्यक्ष बनाकर मिसाल पेश गई है। इसी प्रकार निचले स्तर पर भी परिवारवाद को खत्म किया जाए और नए कार्यकर्ताओं तथा युवाओं को मौका दिया जाए। उन्होंने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ताओं को सरकार की योजनाओं की मॉनिटरिंग का अधिकार दिया जाए। सरकार की योजनाओं की समीक्षा अधिकारियों द्वारा ए सी कमरों में बैठकर कर ली जाती है, इससे जमीनी स्तर पर पात्र व्यक्ति को लाभ मिल रहा है अथवा नहीं इसका अंदाज नहीं रहता। उन्होंने निचले स्तर पर सत्ता और संगठन में तालमेल नहीं होने की बात की और कहा कि नेताओं द्वारा अपने रिश्तेदारों को बेवजह तवज्जो दी जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा हजारों संविदा कर्मियों को परमानेंट करने का सपना दिखाया लेकिन पांचवे साल तक इसे धरातल पर नहीं उतरा गया है। उन्होंने राजस्थान सर्विस रूल्स 2022 में निविदा कर्मियों को भी शामिल करने की मांग रखी। कांग्रेस के मण्डल, सेक्टर और बूथ कमेटियों का गठन अविलंब करने, जिला और ब्लॉक अध्यक्ष की घोषणा तुरन्त करने और इसमें युवाओं को प्राथमिकता देने, अधिकारियों को प्रत्येक कार्यकर्ता की बात सुनने के लिए निर्देशित करने के साथ कांग्रेस विचारधारा के पुराने कार्यकर्ताओं को वापिस पार्टी से जोड़ने की मुहिम चलाने की मांग रखी। किराडू ने कहा कि अगले साल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार रिपीट हो और लोक सभा चुनावों में कांग्रेस के अधिक से अधिक प्रत्याशी जीतें, इसके मद्देनजर संगठन की मजबूती से जुड़े प्रत्येक बिंदु पर गंभीरता से मंथन करना होगा।
प्रभारी ने सभी सुझाओं को गंभीरता से सुना और इस पर अमल करने का आश्वासन दिया।