जसोलाई व्यास पार्क के पास आनन्द भवन में पूर्व राजमाता श्रीमती सुशीला कुमारी जी की श्रद्धांजली एवं शोक सभा का आयोजन रखा गया, इसमें कीकाणी लालाणी व्यास, ओझा, रंगा बिस्सा, किराडू, चूरा, हर्ष, आचार्य आदि विभिन्न जाति के लोग आनंद भवन में पूर्व राजमाता श्रीमती सुशीला कुमारी जी की श्रद्धांजली एवं शोक सभा में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर नारायणदास व्यास ने पूर्व राजमाता श्रीमती सुशीला कुमारी जी का आकस्मिक निधन से शहर परकोटे के अन्दर की जनता अपने को अकेला महसूस कर रही हैं, स्व. राजमाता (दाता) बीकानेर के पुष्करणा जाति के कन्याओं के होने वाले सामूहिक सावे का विशेष ध्यान रखती थी। रामलाल व्यास ने कहा राजमाता सभी को साथ रखकर समाज की कार्यशैली का निर्वाह करवाती थी । लालाणी व्यासो की और से बल्लभ काकोसा ने राजमाता के जाने से पुष्करणा समाज को बड़ी क्षति होना बताया, भारतीय लघु पंचागकर्ता पं. अशोक बिस्सा ने राजामाता द्वारा किये कार्या पर विशेष प्रकाश डालते हुए बताया कि उक्त पंचाग 2006 में राजमाता द्वारा विमोचन किया गया था, रंगा बिस्सा पंचायती के ओर से गिरिराज बिस्सा ने राजमाता की मृत्यु को बड़ी क्षति बताई, जिला उधोग संघ के सचीव विरेन्द्र किराडू ने राजमाता के ट्रस्ट द्वारा मरीजो को इलाज के लिए दीजाने वाली सहायता राशि के बारे में प्रकाश डाला। पं. जुगल किशोर ओझा उर्फ पुजारी बाबा ने राजमाता के निधन को क्षतिपूर्ण बताया और कहा की हमारी मां की तरह उनसे रिश्ता था। राधाकिसन हर्ष ने कहा राजमाता सभी को एक जेसा स्नेह देती थी। भागीरथ आचार्य ने कहा राजपरिवार का सदस्य आज भी पुष्करणा के साथ अच्छा व्यवहार करता हैं। पं. मखण लाल व्यास ने दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजली दी। श्रद्धांजली सभा में आये हुए पं. राजेन्द्र किराडू, पं. सुशील किराडू, पं. कपिल ओझा, श्रीनाथ रंगा, गिरीराज रंगा, पंडित अशोक रंगा, सीताराम, मांगीलाल व्यास, महेश चुरा, सोम व्यास, काला महाराज, जूनागढ़ के देवी द्वारे के पुजारी लव देरासरी, सन्नूलाली, पं. सुशील व्यास, पं. ओम प्रकाश, विडियोग्राफरकर्ता बिरजू बिस्सा आदि ने राजमाता के चित्र पर फूल चढाए। पूर्व शहर बीकानेर कांग्रेस अध्यक्ष जर्नादन कल्ला ने अपनी असवस्था के कारण फोन पर ही श्रद्धांजली दी। कार्यक्रम का संचालन ब्रजेश्वर लाल व्यास ने किया।