आपणी हथाई न्यूज,विश्व सारस्वत फेडरेशन द्वारा दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय विश्व सारस्वत सम्मेलन हरिद्वार ऋषिकेश की धरती पर आयोजित हुआ जिसमें विश्व भर के सारस्वत शामिल हुए। अलग-अलग क्षेत्रों से अपने अपने क्षेत्र में उच्च स्तर पर कार्य करने वाले सारस्वत बंधुओं की भागीदारी के साथ-साथ पूरे विश्व में से काफी संख्या में सारस्वत बंधु शामिल हुए एससीएल फाउंडेशन भारत की तरफ से राजस्थानी सारस्वत बंधुओं का करीबन 400 सदस्यों का डेलीगेट 25 फरवरी 2023 को हरिद्वार पहुंचा। युवा, बुजुर्ग, माताओं, बहनों के साथ पहुंचे राजस्थानी सारस्वत डेलीगेट्स ने आयोजन में पहुंचकर जैसे आयोजन में चार चांद लगा दिए। आयोजकों के मुंह से सुनने को मिला जैसे सारस्वतो की सुनामी आ गई हो। अपनी संस्कृति तथा संस्कारों के लिए जाने, जाने वाले राजस्थानी सारस्वत बंधुओं को सम्मेलन का हिस्सा बना देखकर आयोजक खूब प्रफुल्लित हुए, मेजर जनरल जीडी बक्शी, नितिन रमेश गोकर्ण आईएएस, शेफाली वैद्य, सिद्धार्थ पई, पद्मश्री डॉ अमिताभ मट्टू के साथ-साथ राजस्थानी सारस्वत समाज से विशिष्ट सम्मान के साथ सम्मानित किया गया पायली से श्री गोपालजी गुरावा को, सारस्वत समाज में उनके योगदान तथा युवा वर्ग के लिए शिक्षा तथा रोजगार के चिंतक के रूप में अलग-अलग क्षेत्रों में कार्य करने वाले गोपाल जी गुरावा को “सारस्वत सम्मान” के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा गया. यह सम्मान केवल गोपाल जी गुरावा का नहीं अपितु पूरे राजस्थानी सारस्वत समाज का सम्मान है
एससीएल फाउंडेशन द्वारा पांच दिवसीय आध्यात्मिक यात्रा का आयोजन बीकानेर से हरिद्वार, ऋषिकेश, नीलकंठ से बीकानेर तक किया गया था जिसमें करीबन 400 यात्री शामिल हुए। बहुत ही सूझबूझ और प्रबंधन व्यवस्था का ख्याल रखते हुए उनकी यात्रा, रहने – खाने जैसी तमाम व्यवस्थाओं का सुचारू रूप से पूरी टीम ने संचालन किया टीम के सदस्यों में नवरत्न ओझा नापासर, बनवारी ओझा श्रीडूंगरगढ़, गोवर्धन सारस्वत बिग्गा रामसर, विनोद सारस्वत राजेरा, नंदलाल सारस्वत बामनवाली, ताराचंद सारस्वत बामनवाली, जगदीश सारस्वत बिरमाना, रामलाल सारस्वत बामनवाली व अन्य सदस्य थे वही प्रबंधन कमेटी के रूप में घेवरचंद जी तावनिया जोधपुर, गोपीकिशन जी ओझा रामसर, बजरंगलाल जी तावनिया बीकानेर, किशनलाल जी तावनिया नापासर, कुंदनमल जी तावनिया श्यामसर व अन्य सदस्य थे जिनके कुशल प्रबंधन में यह यात्रा सफलतम रूप से संपन्न हुई ।
आयोजन में समाज के सम्मानित सदस्यों के रूप में ईश्वरराम जी सारस्वत राजेरा, गोपीकिशन जी ओझा रामसर, घेवरचंद जी तावनिया जोधपुर को भी शामिल किया गया।