राजस्थान में बीते 18 मार्च से चल रहै प्राइवेट डॉक्टर्स का धरना प्रदर्शन खत्म हो गया हैं. लगभग 10 घंटे सरकार और डॉक्टर्स के बीच चली दो चरणों की वार्ता के बाद अंततः यह गतिरोध टूट गया है। सरकार ने डॉक्टर्स की सारी शर्तें मान ली है जिसके बाद 8 बिंदुओं पर सहमति बन गई है।जहां एक ओर सरकार से डॉक्टर्स की वार्ता चल रही थी तो वहीं दूसरी ओर डॉक्टर्स महारैली करने जा रहे थे, इसी बीच सरकार से वार्ता के दौरान प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम सोसायटी के सचिव डॉ विजय कपूर ने सहमति पत्र पर साइन कर हड़ताल खत्म करने का ऐलान कर दिया है।
इन बिंदुओ पर बनी सहमति
1. 50 बिस्तरों से कम वाले निजी मल्टी स्पेशियलिटी अस्पतालों को आरटीएच से बाहर कर दिया है।
2. जिन निजी अस्पतालों की स्थापना सरकार से बिना किसी सुविधा के हुई है और रियायती दर पर बिल्डिंग को भी आरटीएच अधिनियम से बाहर रखा जाएगा।
3. ये अस्पताल आरटीएच के दायरे में आएंगे
निजी मेडिकल कॉलेज अस्पताल
पीपीपी मोड पर बने अस्पताल
सरकार से मुफ्त या रियायती दरों पर जमीन लेने के बाद स्थापित अस्पताल –
अस्पताल ट्रस्टों द्वारा चलाए जाते हैं (भूमि और बिल्डिंग के रूप में सरकार द्वारा वित्तपोषित)
4. राजस्थान के विभिन्न स्थानों पर बने अस्पतालों को कोटा में नियमित करने पर विचार किया जायेगा
5. आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए पुलिस केस और अन्य मामले वापस लिए जाएंगे
6. अस्पतालों के लिए लाइसेंस और अन्य स्वीकृतियों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम होगा
7. फायर एनओसी नवीनीकरण हर 5 साल में करवाया जाएगा
8. नियमों में कोई और परिवर्तन, यदि कोई हो, आईएमए के दो प्रतिनिधियों के परामर्श के बाद किया जाएगा
स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने भी समझौते पर अपना बयान देते हुए कहा कि सरकार और चिकित्सकों के बीच आरटीएच विधेयक को लेकर चल रहा गतिरोध खत्म हो गया है और राजस्थान देश का पहला ऐसा स्वास्थ्य का अधिकार पूरी तरीके से लागू हो गया है।