आपणी हथाई न्यूज, राजस्थान की सियासत में लगातार तल्खी बनी हुई है। प्रदेश के मुखिया सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की आपस में खिंचतान जग जाहिर हुए जमाना हो गया है। एक दूसरे पर सीधे हमले करना इन दोनों नेताओं की आदत में शुमार हो चुका है मगर सीएम गहलोत को लगता है कि उनकी इस लड़ाई का कारण मीडिया है। पत्रकारों से बातचीत करते हुए गहलोत ने कहा कि मीडिया आपस में लोगों की लड़ाई न कराएं और साथ ही गहलोत ने और भी नसीहत मीडिया को दे डाली। हालांकि इस प्रदेश के लोगों को पता है कि लड़ाई शुरू कहा से हुई किसने की और अब तक इस लड़ाई में क्या क्या घट बढ़ चुका है। गहलोत साहब आपकी आपसी सियासी लड़ाई में भला मीडिया को क्या फायदा ? सचिन पायलट के अनशन पर कार्यवाही नही करवाने की खीज आप अगर मीडिया पर उतारना चाहो तो बात अलग है। वैसे आप सचिन पायलट पर कार्रवाई करें या पूर्व की वसुंधरा सरकार पर। मीडिया इसमें भी निष्पक्ष रहेगा जितना पहले था उतना ही। अब रही बात पत्रकारों पर केंद्र सरकार के दबाव की तो राजस्थान के कुछ बड़े चैनल्स को छोड़ दे तो किसी भी पत्रकार पर किसी सरकार का दबाव नही है।
फिलहाल चुनाव नजदीक है आपकी कल्याणकारी योजनाएं भी मीडिया ही चला रहा है। आपसी खींचतान को आपस में बैठकर सुलझा नही पा रहे तो मीडिया को दोष देने से क्या होगा ? सचिन पायलट अब भी उग्र है वो अब भी घोटालों की जांच की बात कर रहे है आप चाहे तो उनका ये काम करवा कर उन्हें चुप कर सकते है। मीडिया इसमें भी न्यूट्रल रहेगा। आपके आलाकमान आगामी चुनावों को देखते हुए बड़े फूंक फूंक कर कदम रख रही है इस दौरान आपका गैर जिम्मेदारी भरा बयान कांग्रेस की नैया पार नही लगा सकता।