आपणी हथाई न्यूज,गीताप्रेस गोरखपुर भारत की एक मात्र संस्था हैं जो पिछले काफ़ी वर्षो से हिन्दू संस्कृति के संवर्द्धन के लिए प्रयासरत हैं। जिसमे धार्मिक पुस्तकों के प्रकाशन के अलावा हिन्दू धर्म के प्रमुख संस्कार यज्ञोपवीत संस्कार का आयोजन हृषिकेश में किया जाता हैं। इस संस्कार में पुरे भारत वर्ष के ब्राह्मण,क्षत्रिय, वैश्य वर्ण के बालक व पुरुष भाग लेते हैं। प्रतिवर्ष यह आयोजन शुभ मुहूर्त में विद्वान ब्राह्मणो के द्वारा सम्पन्न करवाया जाता हैं।
आयोजन से जुड़े बृजमोहन पुरोहित ने बताया कि गीताप्रेस के संस्थापक परम् श्रद्धेय सेठ जी श्री जयदयाल जी गोयंका का निरंतर प्रयास रहता था की तीनो वर्ण के व्यक्ति इस संस्कार से किसी भी प्रकार से वँचित न रहे यह एक ऐसा अनूठा आयोजन हैं जिसमे किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता हैं इसमें पूजन सामग्री से लेकर आवास व्यवस्था भोजन व्यवस्था का वहन भी गीताप्रेस गोरखपुर के द्वारा किया जाता हैं।
प्रतिवर्ष इस आयोजन में पुरे भारतवर्ष के द्विज वर्ण के व्यक्ति उत्साह से भाग लेते हैं तथा इस संस्कार को सम्पन्न करवाने के लिए हृषिकेश में आते हैं। इस वर्ष भी यह आयोजन 21मई व 22 मई 2023 को सम्पन्न हो रहा हैं। यहां आने वाले सभी द्विजवर्ण के बटुको को संध्या कर्म से संबंधित सामग्री जैसे संध्या के पात्र, पुस्तक, आसन, गौमुखी माला भी उपलब्ध करवाई जाती हैं। इस बार बटुको की संख्या 96 हैं। बीकानेर के लिए गौरव की बात हैं की इस कर्म के आचार्य बीकानेर के विद्वान पंडित डॉ बंशीलाल जोशी हैं।