आपणी हथाई न्यूज़,आज दिल्ली में राजस्थान कांग्रेस के भीतर चल रही अंतर्कलह को लेकर आलाकमान के साथ राजस्थान के नेताओं की अहम बैठक होगी। बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा और तीन कांग्रेस सह प्रभारी सहित राजस्थान के कई नेता इस बैठक में शामिल होंगे।
आलाकमान द्वारा पहले भी ऐसी बैठक बुलाई गई थी लेकिन उसे एन वक्त पर डाल दिया गया आज होने वाली इस बैठक में कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल सहित कई वरिष्ठ कांग्रेसी इस अहम बैठक के दौरान राजस्थान कांग्रेस में चल रही रार को मिटाने के लिए प्रयास करेंगे।
बीते तीन साल से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रही खींचतान को लेकर चुनावी वर्ष में आलाकमान दोनों नेताओं के बीच सुलह का रास्ता निकालने की आखरी कोशिश करेगा। दोनों के बीच सुलह को लेकर कई फार्मूलो पर विचार किया जा रहा है। एक फार्मूले के तहत सचिन पायलट को पीसीसी चीफ बनाया जा सकता है साथ ही मुख्यमंत्री गहलोत के साथ दो उपमुख्यमंत्री भी बनाए जा सकते हैं जिसमें एक जाट चेहरा और एक दलित या ब्राह्मण चेहरा हो सकता है।
जाट चेहरे के तौर पर गोविंद सिंह डोटासरा, बृजेंद्र ओला और हेमाराम चौधरी के नाम पर विचार हो सकता है वही ब्राह्मण चेहरे को लेकर सीपी जोशी तथा दलित चेहरे को लेकर खिलाड़ी लाल बैरवा व बीकानेर जिले की खाजूवाला विधानसभा क्षेत्र से विधायक गोविंद राम मेघवाल के नाम पर भी विचार किया जा सकता है।
आज दिल्ली में होने वाली बैठक राजस्थान कांग्रेस को लेकर बेहद महत्वपूर्ण है। देखने वाली बात यह होगी कि क्या इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री गहलोत और सचिन पायलट एक साथ नजर आ सकते हैं हालांकि राजस्थान में घटे हालिया घटनाक्रम को देखे तो मुख्यमंत्री गहलोत और सचिन पायलट का एक साथ आना बड़ा मुश्किल लग रहा है। मुख्यमंत्री गहलोत सचिन पायलट को लेकर लगातार हमलावर है और वह नहीं चाहते कि अब सचिन पायलट के साथ वह काम करें वही दूसरी और पायलट भी अपनी राह पर निकलने का संकेत दे चुके हैं। इसलिए आज दिल्ली में होने वाली बैठक बेहद महत्वपूर्ण है इस बैठक में होने वाले फैसले की छाप राजस्थान में होने विधानसभा चुनाव में दिखाई देगी।