आपणी हथाई न्यूज,राजस्थान में आगामी विधानसभा को लेकर इन दिनों बीजेपी सक्रिय हो गई है। शनिवार को बीजेपी ने नागौर के लाडनूं में एक बैठक आयोजित कर मोदी सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों को आमजन तक पहुचाने की बात की। इन सब के बीच एक और बात नजर आई जिसे नजरअंदाज नही किया जा सकता था। वो थी पूर्व सीएम वसुंधरा की गैर मौजूदगी।
हालांकि इन दिनों वसुंधरा एक बार फिर से सक्रिय हुई है और अलग अलग जिलों में घूम घूम कर अपने समर्थकों और विधायकों से संपर्क भी साध रही है। मगर नागौर में हुए इस बड़े कार्यक्रम में नजर नही आना एक बार ही समझ में आता है कि बीजेपी राजस्थान में वसुंधरा के लिए सब कुछ ठीक है वाली बात नही है।
कहने को तो बीजेपी कर्नाटक से मिली हार से सबक लेते हुए राजस्थान और मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटी है पर राजस्थान में वसुंधरा को एक बार फिर तरजीह न देना बीजेपी के लिए घातक होगा ये आने वाले दिनों में ही क्लियर हो पायेगा।
बरहाल वसुंधरा के संपर्क में जो नेता है वो भी इस कार्यक्रम से नदारद थे। अब क्या कारण रहा इन सबकी गैरमौजूदगी का ये तो अभी पूरी तरीके से क्लियर नही हो पाया है पर जहा अर्जुनराम मेघवाल, गजेंद्र सिंह शेखावत, सी पी जोशी,ओम माथुर सरीखे बीजेपी नेता शामिल हुए वहां पूर्व सीएम का न आना चर्चाओं के बाज़ार को गर्म करने जैसा ही है। हालांकि राजस्थान बीजेपी ने कई बार ये स्पष्ट कर दिया है कि आगामी चुनाव वो मोदी के चेहरे पर ही लड़ेगी। मगर सवाल ये है कि वसुंधरा राजे का क्या इस राजस्थान की राजनीति में क्या हश्र होगा ?