आपणी हथाई न्यूज,बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले कई महीनों से बीजेपी की केंद्र सरकार के खिलाफ सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाने की मुहिम में लगे हुए है। नीतीश कुमार स्वयं को मोदी के समानांतर खड़ा करना चाहते है, इसलिए नीतीश कुमार ने आश्चर्यजनक रूप से बिहार राज्य की भर्ती प्रक्रिया के नियमों में आज बड़ा बदलाव कर दिया है।
आज तलक बिहार राज्य की सरकारी नौकरियों के लिए सिर्फ मूल बिहारियों को ही प्राथमिकता दी जाती थी। दूसरे राज्यों के युवाओं को बिहार में सरकारी नौकरी में नही लिया जाता था,लेकिन अब नीतीश ने देशव्यापी नेता बनने के चक्कर मे बिहार सरकार की सरकारी नौकरियों में बिहारी मूल का होना सम्बंधित नियम ही बदल दिया है।
अब बिहार में जल्द होने वाली 1 लाख 78 हजार शिक्षकों की भर्ती में भारत के किसी भी राज्य का नागरिक आवेदन कर सकता है। इतनी बड़ी शिक्षक भर्ती में बिहारियों को कोई आरक्षण भी नही मिलेगा। नीतीश कुमार का अचानक सरकारी भर्तियों के नियमो में बदलाव को उनके दिल्ली की गद्दी वाले सपने और पैन इंडिया लोकप्रियता हासिल करने की चाह से जोड़ा जा रहा है।
मनोज रतन व्यास