आपणी हथाई न्यूज़,बीकानेर में बरसात के दौरान कुछ क्षेत्रों में वर्षों से चल रही जलभराव की समस्या को लेकर प्रशासन द्वारा बारिश के मौसम के आने से ऐन पहले और बारिश के मौसम के दौरान व्यवस्था चाक-चौबंद करने के दावे के बावजूद बारिश के दौरान शहर पानी पानी हो जाता है जिसका आज तक कोई ठोस प्रबंध नहीं किया गया है। जिन लोगों के कंधो पर जिम्मेदारी है उन्हीं लोगों की गाड़ी बीते दिनों हुई बारिश में फस गई थी।बीते दिनों हुई बारिश के दौरान निगम आयुक्त की गाड़ी पानी में फस गई जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। बारिश के दौरान कमोबेश बीकानेर के कई इलाकों के यही हाल होते हैं जिसमें सैकड़ों शहरवासी फसते हैं।
जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल की अध्यक्षता में कल शहरी क्षेत्र के बड़े नालों से जुड़ी समस्याओं के स्थाई समाधान के उद्देश्य को लेकर बैठक आयोजित हुई।जिला कलेक्टर ने इस बैठक में सुजानदेसर के ब्राह्मणों का मोहल्ला, गिन्नानी, जूनागढ़ के पास, नोखा रोड, कोठारी अस्पताल से एमएस कॉलेज तथा खुदखुदा नाला सहित सभी बड़े नालो में जलभराव की समस्या के स्थाई समाधान के लिए आवश्यक सर्वे कर डीपीआर तैयार करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए उन्होंने बैठक में कहा कि प्राथमिकता के आधार पर यह समस्त कार्य करवाए जाएंगे, जिससे आगामी वर्षों में इनका स्थाई समाधान हो सके। उन्होंने कहा कि नगर विकास न्यास, नगर निगम और RUIDP के अधिकारी इन नालों की ज्वाइंट विजिट करें और समाधान के विकल्प सुझाए।(लगातार)
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या वाकई बीकानेर में बारिश के दौरान जलभराव के चलते आमजन को हो रही असुविधा को लेकर प्रशासन गंभीर है? यह सवाल इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि बीकानेर में बीते वर्षों से जलभराव को लेकर प्रशासनिक अमला कई बैठक कर चुका है बावजूद इसके समस्या का अब तक कोई ठोस समाधान नहीं हुआ है। बारिश के मौसम के दौरान ही प्रशासन का ध्यान इस समस्या की ओर जाता है और फिर बारिश के मौसम के बाद इसे भुला दिया जाता है। देखना यह होगा कि इस बार क्या वाकई जिला कलेक्टर के नेतृत्व में हुई बैठक का असर धरातल पर उतर पाएगा या नहीं।