आपणी हथाई न्यूज, वरिष्ठ रंगकर्मी, पत्रकार व साहित्यकार मधु आचार्य ‘आशावादी’ के नाटक ‘अभिशप्त रिश्ते’ और पत्रकार-साहित्यकार हरीश बी. शर्मा के उपन्यास ‘श्रुति शाह कॉलिंग’ का लोकार्पण बुधवार को स्थानीय बीकानेर जिला उद्योग संघ सभागार में हुआ। देश के प्रख्यात कवि-नाटककार और विचारक अर्जुनदेव चारण, कवि-उपन्यासकार अनिरुद्ध उमट व शायर, नाटककार व अंक ज्योतिषी डॉ.कुमार गणेश ने इन दोनों कृतियों का लोकार्पण किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अनिरुद्ध उमट ने इस अवसर कहा कि उपन्यास हो चाहे नाटक, दोनों ही विधाओं के शैली के साथ-साथ लय को भी साधना पड़ता है। कला के इन दोनों ही अनुशासनों में लहजा महत्वपूर्ण है। मुझे कहते हुए हर्ष हो रहा है कि दोनों ही कृतियों में इनका पूरी तरह से निर्वहन हुआ है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ.अर्जुनदेव चारण ने कहा कि इस दौर में जब साहित्य में उपन्यास और नाटक कम लिखे जा रहे हैं, बीकानेर में दो बड़े उपन्यास और नाटक का आना उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि उपन्यास और नाटक का पाठक पढ़ते हुए देखना चाहता है, यही इन विधाओं की कसौटी होती है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ.कुमार गणेश ने कहा कि लोकार्पित दोनों ही कृतियों की सबसे बड़ी विशेषता दो छोटी-छोटी घटनाओं का कलात्मक विस्तार है। पात्रों के जरिये अपनी बात कहते हुए भी स्वयं को किनारे रख पाना ही किसी भी व्यक्ति की एक रचनाकार के रूप में परीक्षा होती है।
लोकार्पित कृतियों पर टिप्पणी वरिष्ठ रंगकर्मी रामसहाय हर्ष और कवि-कथाकार संजय पुरोहित ने की। रामसहाय हर्ष ने ‘अभिशप्त रिश्ते’ पर अपनी बात रखते हुए कहा कि इस नाटक की अभूतपूर्व मंचीय संभावना है। यह एक ऐसा नाटक है, जिसे पांच निर्देशक चाहे तो अपनी-अपनी तरह से मंचित कर सकते हैं। यह इसलिए संभव हुआ है, क्योंकि लेखक स्वंय अनुभवी रंगकर्मी रहे हैं।
संजय पुरोहित ने ‘श्रुति शाह कॉलिंग’ पर अपनी बात रखते हुए कहा कि यह उपन्यास घटनाओं का कोलाज है, जिसमें व्यक्ति अपने साथ हुए को जोड़ते हुए चलता है। 464 पेज का यह उपन्यास समकाल को अभिव्यक्त करता है, जिसमें बहुत सारे आयाम है। उपन्यास कौतुहल और रोचकता जगाए रखने में कामयाब रहा है।
इस अवसर पर राजस्थान सरकार के पूर्व गृहमंत्री वीरेंद्र बेनीवाल ने दोनों रचनाकारों की सृजनात्मकता पर बधाई देते हुए कहा कि पत्रकार होने की वजह से इन दोनों के पास न सिर्फ जानकारियां होती है बल्कि मानवीय प्रवृत्तियों पर भी गहरी पकड़ होती है। प्रारंभ में स्वागत उद्बोधन पत्रकार धीरेंद्र आचार्य ने दिया। आभार संगीतज्ञ असित गोस्वामी ने स्वीकार किया। संचालन वास्तुशास्त्री आर.के.सुतार ने किया। लोकार्पण समारोह के साक्षी बनने के लिए शहर के अनेक गणमान्यजन उपस्थित थे। अतिथियों को उपहार स्वरूप अगस्त क्रांति दिवस के उपलक्ष में तिरंगा झंडा प्रदान किया गया।