आपणी हथाई न्यूज़,प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नए जिलों की स्थापना कर प्रदेशवासियों को बड़ी सौगात दी है लेकिन इसी बीच खाजूवाला एवं छतरगढ़ तहसील के लोगों में नए जिले अनूपगढ़ में विलय को लेकर काफी रोष है। बीते एक सप्ताह से खाजूवाला और छतरगढ़ में अनूपगढ़ जिले में विलय को लेकर आमजन बाजार बंद से लेकर धरना प्रदर्शन तक कर रहे हैं।
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या अनूपगढ़ जिले में खाजूवाला और छतरगढ़ का विलय करने से पहले यहां की जन भावनाओं का ख्याल नहीं रखा गया या फिर जनप्रतिनिधियों द्वारा अपनी राजनैतिक महत्वाकांक्षाओं को साधने के लिए जन भावनाओं को नजरअंदाज किया गया ? इन सब सवालों के बीच खाजूवाला में एक धड़ा ऐसा भी है जो खाजूवाला को नए जिले के रूप में देखना चाह रहे हैं वही एक गुट ऐसा भी है जो खाजूवाला के अनूपगढ़ में विलय को लेकर संतुष्ट नजर आ रहे हैं। खाजूवाला और छतरगढ़ में जिस तरीके से लोग नए जिले में विलय को लेकर विरोध कर रहे हैं उसे देखकर लग रहा है कि आने वाले समय में होने वाले विधानसभा चुनाव स्थानीय जनप्रतिनिधियों के लिए विशेषकर कांग्रेस के उम्मीदवारों के लिए बड़ी चुनौती बन सकता हैं। खाजूवाला विधानसभा क्षेत्र से विधायक और राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री गोविंद राम मेघवाल इस पूरे प्रकरण को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिल चुके हैं। बताया जा रहा है कि कल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मंत्री मेघवाल के अलावा दो अन्य संगठन भी खाजूवाला मामले को लेकर मिले जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री गहलोत ने इस पूरे प्रकरण को लेकर तीनों अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल को रामलुभाया कमेटी को अपनी राय देने के लिए बोला है।
कुल मिलाकर खाजूवाला और छतरगढ़ में चल रहे विरोध के बीच फिलहाल ऐसा प्रतीत हो रहा है कि राज्य सरकार अभी अपने फैसले को लेकर एकदम सख्त रवैया में है लेकिन अगर जनता का विरोध यूं ही परवान चढ़ता रहा तो संभवत खाजूवाला एक बार फिर से बीकानेर जिले का हिस्सा बन सकता है हालांकि ऐसा होना मुश्किल है लेकिन नामुमकिन नहीं।