आपणी हथाई न्यूज,राजस्थान सहित 5 राज्यों की चुनावी आचार संहिता अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में कभी भी लग सकती है। केंद्र सरकार के सूत्र बता रहे है कि चुनाव आयोग 7 या 8 अक्टूबर को चुनावी तारीखों का ऐलान कर सकता है। ऐसे में राजस्थान की गहलोत सरकार के पास जनता को लुभाने के लिए अंतिम 7-8 दिन ही बचे है।
इस वीकेंड गहलोत सरकार के इस कार्यकाल की अंतिम कैबिनेट मीटिंग प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री गहलोत आचार संहिता लगने से पूर्व जनता को लुभाने के लिए एक बड़ा मास्टर स्ट्रोक लगा सकती है। राजस्थान के साथ मध्यप्रदेश और छतीसगढ़ जैसे बड़े राज्यों में भी विधानसभा चुनाव होने है। गहलोत सरकार सरकारी कर्मचारियों और सरकारी भर्तियों पर बड़ा फोकस कर रही है, इसलिए ही गहलोत सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम को राजस्थान में लागू किया। मध्यप्रदेश और छतीसगढ़ में हाल ही में नव नियुक्त होने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए पूर्ण वेतन देने की घोषणा की गई है अर्थात छतीसगढ़ और मध्यप्रदेश में नौकरी के दो सालों का प्रोबेशन पीरियड हटा लिया गया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अशोक गहलोत भी कुछ ऐसा ही निर्णय आचार संहिता लागू होने से पूर्व ले सकते है, छतीसगढ़ में तो कांग्रेस की ही सरकार है। जब छतीसगढ़ में प्रोबेशन काल की बाध्यता खत्म हो सकती है, तो राजस्थान में क्यों नही हटाई जा रही है। गहलोत पर यह निर्णय लेने का भारी दबाव भी आ रहा है, गहलोत इस विषय पर गहनता से मंथन कर रहे है। हो सकता है कि गहलोत जल्द राजस्थान में भी प्रोबेशन हटाने की घोषणा कर सरकारी कर्मचारियों को नियुक्ति के पहले ही माह से पूर्ण वेतन देने की घोषणा कर दे।
अगर ऐसा होता है तो गहलोत का चुनाव से ठीक पहले यह सबसे बड़ा मास्टर स्ट्रोक होगा और इसके लिए गहलोत और कांग्रेस को चुनावी लाभ भी होगा। मनोज रतन व्यास