आपणी हथाई न्यूज,उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए बेसिक पी.जी. महाविद्यालय एवं संतोष मंगल सेवा संस्थान, बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान में दैनिक जीवन में विज्ञान के महत्त्व को प्रदर्शित करते हुए महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर के भौतिकविज्ञान के पूर्व संयोजक डॉ. रविन्द्र मंगल के निर्देशन में एकदिवसीय व्यावहारिक कार्यशाला का आयोजन रखा गया। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुरेश पुरोहित ने बताया कि इस कार्यशाला में विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाने और खेल-खेल में विज्ञान को सरलतम रूप में समझने के लिए डॉ. रविन्द्र मंगल द्वारा अनेक प्रयोगों का प्रदर्शन किया। इस प्रकार उन्होंने विद्यार्थियों को मनोरंजक तरीके से समझाया कि प्रयोगों के माध्यम से हम किस प्रकार विज्ञान के विद्यार्थियों को उनका सैद्धान्तिक ज्ञान व्यावहारिक रूप से भी दे सकते हैं।
इस एकदिवसीय कार्यशाला के अन्तर्गत विद्यार्थियों को विभिन्न प्रयोंगों के माध्यम से डॉ. रविन्द्र मंगल ने बताया कि घर में उपस्थित अनुपयोगी वस्तुओं से आसानी से विज्ञान के नियमों को समझा जा सकता है। आग बुझाने में कार्बन-डाई-ऑक्साइड, वायुदाब, ध्वनि प्रसारक, अपकेन्द्रीय दबाव संबंधी एवं प्रकाश के प्रयोग दिखाए गए। डॉ. मंगल ने बताया कि विद्यार्थियों के लिए शिक्षा में नवाचार, कबाड़ से जुगाड़, वेस्ट चीजों को किस प्रकार से काम ले सकते हैं, किस तरह से जीवन मंे उसमें से विज्ञान को निकालते हुए हम उपयोग में ले सकते हैं।
कार्यशाला के अन्त में महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री रामजी व्यास ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इस कार्यशाला में अप्लाइड साइंस के बारे में विद्यार्थियों को बहुत कुछ सीखने को मिला है। श्री व्यास ने इस कार्यशाला को विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के लिए लाभकारी बताते हुुए कहा कि प्रत्येक शिक्षक अपने ज्ञान के माध्यम से और विज्ञान के साथ जुड़कर समाज में फैले अंधविश्वासांे को ऐसी कार्यशालाओं के अनुभव से दूर कर सकता है।
कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय स्टाफ सदस्य डॉ. मुकेश ओझा, डॉ. रमेश पुरोहित, डॉ. रोशनी शर्मा, श्री वासुदेव पंवार, श्रीमती माधुरी पुरोहित, श्रीमती प्रभा बिस्सा, श्री सौरभ महात्मा, श्री विकास उपाध्याय, श्रीमती प्रियंका आचार्य, श्री अजय स्वामी, श्रीमती शालिनी आचार्य, श्रीमती प्रेमलता व्यास, सुश्री जया व्यास, डॉ. नमामिशंकर आचार्य, श्री हितेश पुरोहित, श्री पंकज पाण्डे, श्री गुमानाराम जाखड़, सुश्री खुशबू शर्मा, श्रीमती कृष्णा व्यास, श्री शिवशंकर उपाध्याय, श्री राजीव पुरोहित आदि का उल्लेखनीय योगदान रहा।