आपणी हथाई न्यूज,बेसिक पी.जी. महाविद्यालय में छात्र संसद का आयोजन हुआ जिसमें छात्र-छात्राओं ने अपने अभिनय से नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 से संबंधित संसदीय पद्धति एवं प्रक्रिया को जीवन्त किया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर के कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) मनोज दीक्षित, विशिष्ट अतिथि जूनियर आइंस्टिन एवं गणितज्ञ डॉ. देव अरस्तू पंचारिया, विशिष्ट अतिथि पूर्व संयोजक, भौतिकविज्ञान, महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर, महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष रामजी व्यास एवं महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुरेश पुरोहित उपस्थित रहे।आगे पढ़ें..
कार्यक्रम का शुभारंभ ज्ञान की देवी मां सरस्वती के पूजन व दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुरेश पुरोहित द्वारा पधारे हुए अतिथियों का परिचय देते हुए स्वागत उद्बोधन के साथ-साथ महाविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। महाविद्यालय की उपलब्धियों को बताते हुए डॉ. पुरोहित ने बताया कि इस वर्ष स्नातक स्तर पर बी.एससी., बी.कॉम. एव बी.ए. तथा स्नातकोत्तर स्तर पर एम.एससी. (प्राणिविज्ञान, वनस्पतिविज्ञान, रसायन विज्ञान, गणित) व एम.कॉम. (एबीएसटी) के परीक्षा परिणाम 100 प्रतिशत रहे हैं। इस परीक्षा परिणाम में न केवल छात्र-छात्राओं ने सर्वोच्च अंक प्राप्त किए हैं बल्कि लगभग 600 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए। डॉ. पुरोहित ने बताया कि महाविद्यालय में शैक्षणिक पाठ्यक्रमों के नियमित अध्ययन के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु निःशुल्क तैयारी, ई-लाईब्रेरी, पर्सनल्टी डवलमेंट, स्पोकन इंग्लिश, शैक्षणिक भ्रमण, खेलकूद आदि ऐसी विभिन्न गतिविधियां हैं जो हमारे महाविद्यालय को और बेहतर बनाता है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि माननीय कुलपति प्रोफेसर डॉ. मनोज दीक्षित एवं विशिष्ट अतिथियों द्वारा नाट्य मंच पर तिलक एवं मंत्रोच्चारण के साथ नई संसद का उद्घाटन करते हुए सेंगोल (राजदण्ड) की स्थापना करवाई गई। इसके पश्चात् राष्ट्रगान के साथ युवा संसद के अन्तर्गत नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 के प्रस्ताव पारित हेतु नाट्य मंचन संचालित किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में छात्रों को संबोधित करते हुए महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) मनोज दीक्षित ने नाट्य मंचन की सराहना करते हुए बताया कि विद्यार्थियों द्वारा किया गया यह नाट्य मंचन निश्चित रूप से उनके शैक्षणिक अध्ययन में महत्त्वपूर्ण साबित होगा। उन्होंने नारी शक्ति वंदन अधिनियम के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि हमारे समाज में महिलाएं प्राचीन काल से सशक्त रही हैं। बीसवीं शताब्दी के आसपास महिलाओं से उनके अधिकार छीन लिए गए और समाज में बहुत-सी कुरीतियां के कारण महिलाओं को चारदीवारी के अंदर बंदकर उनके निर्णय लेने का अधिकार छीन लिया गया लेकिन वर्तमान में हम देखते हैं कि प्रत्येक क्षेत्र में महिलाएं कंधे से कंधा मिलाकर पुरुषों के साथ खड़ी हैं। कुलपति डॉ. दीक्षित ने कहा कि कुल मिलाकर इस कानून ने भविष्य के लिए मार्ग प्रशस्त कर दिया है, जहां पर नारी शक्ति राजनीति और भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों में अधिक सक्रिय और सुदृढ़ भूमिका निभाएगी।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि जूनियर आइंस्टिन एवं गणितज्ञ डॉ. देव अरस्तू पंचारिया ने प्रतिभागियों की सराहना करते हुए कहा कि इस पूरे नाट्य मंचन में प्रतिभागियों ने पूरे जोश के साथ अपने-अपने किरदारांे को निभाया है। इस अधिनियम के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि भारत में राजनीतिक दल अब इस बात को समझते हैं कि महिलाओं की उपेक्षा, सत्ता के कॉरिडोर और निर्णय लेने की प्रक्रिया में उन्हें शामिल न करना अब संभव नहीं होगा। इसलिए अब राजनीति में अधिक महिलाएं आ रही हैं, जिससे व्यवस्था और समाज में सुधार होगा।
विशिष्ट अतिथि डॉ. रविन्द्र मंगल ने विद्यार्थियांे को संबोधित करते हुए बताया कि छात्र-छात्राओं द्वारा युवा संसद के रूप में किये गये नाट्य मंचन के दौरान इस अधिनियम की प्रासंगिकता के बारे में अनेक महत्त्वपूर्ण बातें बताई हैं। डॉ. मंगल ने कहा कि आने वाले समय में इस अधिनियम के माध्यम से महिलाओं को राजनीतिक क्षेत्र में आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा। यह अधिनियम महिलाओं की दशा और दिशा सुधारने वाला है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री रामजी व्यास ने भी प्रतिभागियों की सराहना की और बताया कि इस नाट्य मंचन के दौरान छात्र-छात्राओं द्वारा न केवल भारतीय संसदीय कार्य प्रणाली को पूर्ण तरीके से मंचित किया गया बल्कि विद्यार्थियों ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम के प्रत्येक बिन्दु को सारगर्भित तरीके से प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है।
कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री रामजी व्यास, सचिव अमित व्यास एवं महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुरेश पुरोहित द्वारा सभी अतिथियों को साफा, शॉल एवं प्रतीक चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय स्टाफ सदस्य डॉ. मुकेश ओझा, डॉ. रमेश पुरोहित, डॉ. रोशनी शर्मा, श्री वासुदेव पंवार, श्रीमती माधुरी पुरोहित, श्रीमती प्रभा बिस्सा, श्री सौरभ महात्मा, श्री विकास उपाध्याय, श्रीमती प्रियंका आचार्य, श्री अजय स्वामी, श्रीमती शालिनी आचार्य, श्रीमती प्रेमलता व्यास, सुश्री जया व्यास, डॉ. नमामिशंकर आचार्य, श्री हितेश पुरोहित, श्री पंकज पाण्डे, श्री गुमानाराम जाखड़, सुश्री खुशबू शर्मा, श्रीमती कृष्णा व्यास, श्री शिवशंकर उपाध्याय, श्री राजीव पुरोहित आदि का उल्लेखनीय योगदान रहा।