आपणी हथाई न्यूज़,राजस्थान में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के रिवाज को बदलने के लिए हर प्रयास कर रहे हैं फिर चाहे नए जिलों की घोषणा हो या संविदा कर्मियों को नियमित करना हो या फिर अन्य जनकल्याणकारी योजनाएं मुख्यमंत्री गहलोत कहीं पीछे रहना नहीं चाह रहे।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जिस तरीके से कम कर रहे हैं उसे देख राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी जादूगरी राजनीति के जरिए 2023 के विधानसभा चुनाव में लोक कल्याणकारी योजनाओं और अपने राजनीतिक फैसला के जरिए अकेले दम पर कांग्रेस को चुनावी वैतातनी पार करवाने की भरक्स कोशिश कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान विधानसभा की एक एक सीट पर काम कर रहे हैं इसी का परिणाम है कि राजस्थान के इतिहास में पहली बार किसी मुख्यमंत्री द्वारा अपने कार्यकाल में एक साथ 22 नए जिले बनाए गए हैं और न केवल नए जिले बनाए गए हैं बल्कि बीकानेर जिले के खाजूवाला और छत्तरगढ़ तहसील को अनूपगढ़ जिले में शामिल करने के बाद उठ रहे विरोध को शांत करने के लिए पुनः बीकानेर जिले में शामिल कर मंत्री गोविंदराम मेघवाल को आने वाली संभावित चुनावी समस्याओं से बचाने का काम भी किया है। इस लिहाज से देखा जाए तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव में सत्ता परिवर्तन वाले रिवाज के मिथक को बदलने में लगे हुए हैं।