आपणी हथाई न्यूज, प्रदेश में विधानसभा चुनाव तो सम्पन्न हो लिए है मगर अब अभी परिणाम बाकी है। इस परिणाम के बाद राजस्थान में आचार संहिता हटते ही रीट समेत नई भर्तियां होगी। प्रदेश में 9 अक्टूबर को लगी आचार संहिता की वजह से करीब 16 हजार से ज्यादा भर्तियां अटक गई थी। इसमें फार्मासिस्ट, रेडियोग्राफर, नर्सिंग आफिसर, लैब टेक्नीशियन, नेत्र सहायक, डेंटल टेक्नीशियन, एएनएम और ईसीजी टेक्नीशियन प्रमुख रूप से शामिल है। आपको बता दें कि सीएम अशोक गहलोत ने 10 फरवरी को बजट में एक लाख भर्तियों की घोषणा की थी।
इसमें कृषि विभाग के एक हजार, पशुपालन में 500, आयुर्वेद में 500 और शिक्षा विभाग में 15 हजार सहित अन्य भर्तियां शामिल है।राजस्थान में आरपीएससी और आरएसएसबी द्वारा ही अधिकांश भर्तियां होती है। राज्य की दोनों प्रमुख भर्ती एजेंसियों की तरफ ही युवाओं की नजर है। आरपीएससी ने जून से सितंबर के दौरान 7 अभ्यर्थनाएं निकाली थी। बीएड और बीएसटीसी धारी करीब 7 लाख अभ्यर्थियों को नई रीट परीक्षा का इंतजार है।
राजस्थान में 9 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव की वजह से आचार संहिता लग गई थी। जिसकी वजह से प्रक्रियाधीन और सीएम गहलोत की बजट घोषणा समेत करीब 45 हजार भर्तियां अटक गई। रीट समेत नई भर्तियों के इंतजार में प्रदेश के 12 लाख युवा है।
माना जा रहा है कि आचार संहित हटते ही जो भर्तियां रुकी हुई है। वह शुरू हो जाएंगी। राज्य के करीब 12 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी रीट कॉलेज और स्कूल शिक्षा समेत अन्य भर्तियों का इंतज़ार कर रहे है।
माना जा रहा है कि आचार संहित हटते ही जो भर्तियां रुकी हुई है। वह शुरू हो जाएंगी। राज्य के करीब 12 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी रीट, कॉलेज और स्कूल शिक्षा समेत अन्य भर्तियों का इंतजार कर रहे हैं। क्योंकि ये भर्तियां आंचार संहिता की वजह से अटकी हुई है। जानकारों का कहना है कि ये भर्तियां शुरू नहीं होती है तो 20 प्रतिशत युवाओं का ओवरएज होने का खतरा है। जबकि 70 फीसदी से ज्यादा अभ्यर्थी परीक्षा की तैयारी में जुटे है। माना जा रहा है कि नई सरकार के गठन के साथ ही आवेदन शुरू होंगे। चिकित्सा शिक्षा भर्तियों की प्रोविजनल सूची के बावजूद परिणाम अटका हुआ है। माना जा रहा है कि आंचार संहिता के हटते ही परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे।